बेल्जियम की मीडिया कॉनिंग्स को रैंबो नाम दे रही है. मीडिया के मुताबिक कॉनिंग्स ने घर छोड़ने से पहले अपनी पार्टनर से उसे खुद को माफ करने की अपील की.
ब्रसेल्स: बेल्जियम में एक फौजी को रैंबो कहा जा रहा है और उसकी दो सप्ताह से सुरक्षा बल तलाश कर रहे हैं. सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि ये फौजी भारी हथियारों से लैस है और इसके पास देश के महामारी विशेषज्ञों की एक लिस्ट मौजूद है. जिन्हें वो निशाना बनाने की फिराक में है.
इस फौजी का नाम कार्पोरल जर्गेन कॉनिंग्स है, जिसकी उम्र 46 साल है. कॉनिंग्स बेहतरीन हथियारों से लैस है और दो सप्ताह से लापता है. इंटरपोल समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश है. कॉनिंग्स यूगोस्लाविया, लेबनान, इराक और अफगानिस्तान में तैनात रह चुका है और कई अहम अभियानों में अपनी भूमिका निभा चुका है.
कॉनिंग्स को दक्षिण पंथी विचारों का माना जा रहा है. उसके पास शीर्ष महामारी विशेषज्ञों में से 10 के नाम हैं, जिनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. बताया जा रहा है कि कॉनिंग्स कोरोना महामारी के दौरान निर्णय लेने वाले विशेषज्ञों से नाराज है. क्योंकि उनके गलत फैसलों से देश में मौतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई.
बेल्जियम की मीडिया कॉनिंग्स को रैंबो नाम दे रही है. मीडिया के मुताबिक कॉनिंग्स ने घर छोड़ने से पहले अपनी पार्टनर से उसे खुद को माफ करने की अपील की. उसके निशाने पर बेल्जियम के रक्षामंत्री भी हैं. कॉनिंग्स की कार से रॉकेट लॉन्चर भी बरामद किया गया है.
बेल्जियम के सबसे बड़े कोरोना महामारी एक्सपर्ट मार्क वान रैंस्ट को सेफ हाउस में ले जाया गया है, ताकि उन्हें सुरक्षित रखा जा सके. मार्क कोरोना से जुड़े कई फैसलों में अहम भूमिका निभा चुके हैं. बताया जा रहा है कि कॉनिंग्स गायब होने से पहले ही मार्क का पता ढूंढ रहा था. बेल्जियम की पुलिस ने कॉनिंग्स की पूर्व पत्नी और एक वकील को कस्टडी में ले लिया है.
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