महिलाओं की सेक्सुअली आजादी पर जोर देने के लिए डेनमार्क की एक महिला पत्रकार ने 'इंटीमेट' होकर इंटरव्यू रिकॉर्ड किया था. इस इंटरव्यू पर बवाल मचने के बाद अब उसने इसका कारण दुनिया को बताया है.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक डेनमार्क की रहने वाली 26 साल की LOUISE Fischer पत्रकार हैं. वह Danish रेडियो पर फीचर प्रसारित करती हैं. सेक्स को लेकर वह काफी खुली हुई हैं. LOUISE का कहना है कि हमें सेक्स से इतना शर्माना क्यों चाहिए. जब पुरुष खुलकर सेक्स और अपनी पसंद-नापसंद पर बात कर सकते हैं तो महिलाएं ऐसा क्यों नहीं कर सकती?
LOUISE Fischer कहती हैं, 'महिलाओं को अपनी पसंद के पार्टनर से खुलकर सेक्स (Sex) करने का हक है. डेनमार्क सरकार को लॉकडाउन की वजह से बंद पड़े स्विंगर्स क्लबों को अब खोल देना चाहिए. जिससे महिलाएं भी वहां जाकर अपनी खुशी हासिल कर सकें. बिल्कुल वैसे ही जैसे पुरुष वहां जाकर अपनी खुशी ढूंढते हैं.'
LOUISE ने अपनी इस मांग पर बल देने के लिए हाल ही में एक अनोखा काम किया था. उन्होंने एक पुरुष के साथ सेक्स (Sex) करते हुए इंटरव्यू रिकॉर्ड किया और फिर उसे डेनिश रेडियो पर प्रसारित कर दिया. इस इंटरव्यू के सामने आने के बाद दुनियाभर में इस महिला पत्रकार की चर्चा हो रही है. अधिकतर लोग उसकी सेक्सुअली आजादी का समर्थन कर रहे हैं. वहीं कई लोग इसे पत्रकारिता के लिहाज से गलत बता रहे हैं.
Ulrika Jonsson भी महिलाओं की सेक्स आजादी पर अक्सर लेख लिखती हैं. वे कहती हैं, 'LOUISE का यह कदम कहीं से भी गलत नहीं है. आखिर सेक्स जीवन का जरूरी हिस्सा है. फिर हम उस पर बात करने से इतना बचते क्यों हैं. हमने इस विषय को टैबू बनाकर क्यों रखा है. सेक्स पर बात करने वाली महिलाओं को गलत क्यों समझा जाता है.'
Ulrika Jonsson कहती हैं, 'मेरी उम्र 54 साल है. मुझे भी सेक्स (Sex) का मन होता है लेकिन लोग कहते हैं कि अब सेक्स में क्या रखा है. ऐसे ही जिंदगी काट लो. ऐसा कैसे संभव हो सकता है. क्या यही बात पुरुषों से भी कही जाती है. वे दिन भर पोर्न फिल्में देखते हैं और फिर उम्मीद करते हैं कि पार्टनर भी उन्हें वैसे ही प्यार करे, जैसा फिल्म में देखा है. जबकि महिलाओं के केवल सेक्स पर बात करने को ही गलत समझ लिया जाता है. आखिर ये भेदभाव क्यों है?'
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