दुनिया के सबसे खुशहाल देश फिनलैंड को आपका इंतजार है. अगर आप पेशेवर हैं और फिनलैंड की किसी कंपनी में काम करना चाहते हैं, तो ये देश आपका स्वागत कर रहा है.
हेलसिंकी: दुनिया के सबसे खुशहाल देश को लोगों की जरूरत है. 'वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट' में लगातार चौथी बार सबसे ऊपर रहा फिनलैंड इन दिनों कामगारों की कमी से जूझ रहा है. यहां काम करने के लिए लोग नहीं मिल रहे. ऐसे में फिनलैंड चाहता है कि दूसरे देशों के लोग (Migrants) यहां आकर बसे.
सबसे खुशहाल वाला देश फिनलैंड एक बात को लेकर चिंतित है. वो है इस देश की बूढ़ी होती आबादी. इस वजह से यह देश कामगारों की कमी से जूझ रहा है. यहां काम करने के लिए लोग नहीं मिल रहे. इसलिए वो चाहता है कि दूसरे देशों से लोग आकर वहीं बसें.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रति 100 कामकाजी उम्र के लोगों में 39.2 फीसदी लोग 65 साल या उससे ऊपर के हैं. बूढ़ी आबादी में फिनलैंड जापान के बाद दूसरे स्थान पर है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2030 तक यहां वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात बढ़कर 47.5 हो जाएगा.
सरकार ने चेतावनी दी है कि 55.2 लाख की आबादी (2019 की जनगणना के मुताबिक) वाले राष्ट्र को सार्वजनिक सेवाओं को बनाए रखने और बढ़ती पेंशन घाटे को कम करने के लिए इमिग्रेशन को हर साल 20,000-30,000 तक करने की जरूरत है.
फिनलैंड यूरोपीय संघ का सदस्य है. फिनलैंड का क्षेत्रफल 3,38,145 वर्ग किलोमीटर है. 1917 तक ये रूस के शासन में था. 1917 में रूस में क्रांति के बाद उसने स्वयं को आजाद घोषित कर दिया. वहां 1906 में महिलाओं और पुरुष दोनों को मतदान और चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया गया था. फिनलैंड लैंगिक समानता अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बना.
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