'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार, मूल रूप से बर्मिंघम निवासी 22 वर्षीय माइल्स रूटलेज (Miles Routledge) अफगानिस्तान छुट्टियां मनाने गया था, लेकिन अब वो वहां फंस गया है और किसी भी तरह वापस लौटना चाहता है. माइल्स इस वक्त काबुल स्थित संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के सेफ हाउस में है. उसने कई बार काबुल से निकलने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका.
Physics का Student माइल्स रोमांच का शौकीन है और यही रोमांच अब उसकी जान का दुश्मन बन गया है. माइल्स ने गूगल पर घूमने के लिए सबसे खतरनाक शहर (Most Dangerous Cities to Visit) सर्च किया था, जिसमें काबुल का नाम भी आया. इसके बाद वो अफगानिस्तान के लिए निकल पड़ा. माइल्स ने कहा, ‘जैसी कि रिपोर्ट थी, मुझे लगा था कि कम से कम एक महीने तक तालिबान अफगान पर कब्जा नहीं कर पायेगा, इसलिए मैं यहां घूमने चला आया’.
माइल्स सोशल मीडिया पर अपनी अफगान ट्रिप के बारे में जानकारी प्रदान कर रहा है. रविवार को उसने पोस्ट में कहा था, 'यहां हालात बेहद खतरनाक हैं. मैंने अपनी मौत को स्वीकार कर लिया है. मेरी यह यात्रा एक तरह से भगवान की परीक्षा रही है. मैं बहुत धार्मिक हूं, इसलिए मुझे विश्वास है कि मेरी देखभाल की जाएगी'. (फोटो सोर्स: Getty Images)
अपनी एक फेसबुक पोस्ट में स्टूडेंट ने लिखा है, 'काबुल से कोई फ्लाइट नहीं है. मैं यहां बुरी तरह फंस गया हूं और बेहद भयभीत हूं'. माइल्स ने यह भी कहा कि संभव है तालिबान मुझे जीवित रखे, क्योंकि मेरे सहारे वो मोलभाव कर सकते हैं. बता दें कि अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हो गए हैं. बड़ी संख्या में लोग मुल्क छोड़कर भाग रहे हैं.
काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बस स्टैंड जैसा नजारा है. हर तरफ लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है. हर कोई दूसरे से पहले विमान में चढ़ना चाहता है, ताकि जल्द से जल्द अफगानिस्तान से दूर चला जाए. हालात नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी सेना को हवाई फायर भी करने पड़े हैं. यूएस सैनिक अपने नागरिकों को अफगान से निकालने के लिए वहां मौजूद हैं.
सऊदी अरब ने काबुल में अपने दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है. वहीं, न्यूजीलैंड सरकार भी अपने लोगों को निकालने के लिए विमान भेज रही है. सऊदी अरब ने बताया कि बदलते जमीनी हालात के मद्देनजर उसने रविवार को काबुल में अपने दूतावास से सभी कर्मियों को निकाल लिया है. अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे के बाद कई अन्य देशों ने वहां स्थित अपने दूतावास बंद कर दिए हैं. अमेरिका और ब्रिटेन के सैनिक भी 'अपनों' को निकालने की कोशिशों में लगे हैं.
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