ये मछली सतह से 2300 फुट नीचे रहती है. हाल ही में समुद्र के अंदर शार्क का शिकार करने वाले शिकारियों ने हिंद महासागर में बसे मेडागास्कर के तट पर डायनासोर के काल की इस विलुप्त हो गई मछली को जिंदा पकड़ा था.
वैज्ञानिकों ने ऐसी मछली खोजी है, जो साल 1928 में आखिरी बार दिखी थी. ये मछली डायनासोर युग से पृथ्वी पर न सिर्फ अपनी मौजूदगी बनाए हुए है, बल्कि इसकी खासियतें हैरान कर देने वाली है. ये मछली 100 साल जिंदा रहती है. और बच्चे देने के लिए इसका प्रेग्नेंसी टाइम पांच साल का है.
एक ताजा शोध में इस बेहद खूबसूरत मछली के बारे में खुलासा हुआ है. इसे विलुप्त मान लिया गया था. हालांकि बाद में इसे दक्षिण अफ्रीका के समुद्री तट पर पाया गया. इसका नाम सी ला कांथ (Coelacanth) है. हालांकि अब इसकी एक और प्रजाति को इंडोनेशिया के पास खोजा जा चुका है.
इस अद्भुत मछली के बारे में पाया गया है कि ये इंसान के आकार की हो सकती है. यह बहुत धीमी गति से बढ़ती है और 100 साल तक जिंदा रह सकती है. करीब 50 साल की हो जाने पर यह मछली सेक्सुअली तैयार हो जाती है और यह गर्भवती होने के करीब 5 साल बाद बच्चा देती है. इसके नर मछली को परिपक्व होने में 40 से 69 साल का समय लग जाता है. इसे फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने खोजा है.
द गार्जियन की खबर के मुताबिक, ये मछली सतह से 2300 फुट नीचे रहती है. हाल ही में समुद्र के अंदर शार्क का शिकार करने वाले शिकारियों ने हिंद महासागर में बसे मेडागास्कर के तट पर डायनासोर के काल की इस विलुप्त हो गई मछली को जिंदा पकड़ा था. मछली की यह प्रजाति करीब 42 करोड़ साल पुरानी है.
दक्षिण अफ्रीका के जर्नल ऑफ साइंस के एक शोध में कहा गया है कि शार्क के शिकार की वजह से सी ला कांथ मछलियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. शार्क मछलियों का शिकार वर्ष 1980 के दशक से तेज हो गया है. सी ला कांथ मछलियों को शार्क के शिकार के दौरान भी बहुत नुकसान पहुंचा है.
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