बैंक ऑफ कोरिया की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया साल 2045 तक जापान को पीछे छोड़ देगा और वो दुनिया में सबसे ज्यादा बुजुर्गों की आबादी वाला देश बन जाएगा.
दक्षिण कोरिया के एक आईलैंड पर सिर्फ 3 बच्चे ही बचे हैं. ये तीनों एक ही परिवार के हैं. इनके अलावा करीब 100 लोगों से अधिक की आबादी वाले आईलैंड में कोई बच्चे ही नहीं हैं. हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि उस आईलैंड पर कोई जाना भी नहीं चाहता. आज दक्षिण कोरिया पूरे एशिया महाद्वीप पर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है, लेकिन देश को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी आबादी ही अब कम हो चली है.
दक्षिण कोरिया साल 2020 में पूरी दुनिया में सबसे कम जन्मदर वाला देश था. इसी देश के Nokdo Island में रहने वाले इन तीन बच्चों की कहानी ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है. दरअसल, इन तीन बच्चों के खेलने के लिए यहां खूब खाली जगह है. इलाके में ट्रैफिक की भी कोई समस्या नहीं. लेकिन समस्या है कि उनके साथ कोई खेलने वाला नहीं. यही नहीं, उनकी पढ़ाई लिखाई भी प्रभावित हो रही है.
इससे भी अलग बात ये है कि ये बच्चे भी इस आईलैंड के निवासी नहीं, बल्कि आईलैंड के इकलौते चर्च में पादरी का काम करने वाले व्यक्ति के बच्चे हैं और वो साल 2016 से यहां रह रहे हैं. इसका मतलब है कि इन तीन बच्चों के आने से पहले इस आईलैंड पर कोई बच्चा ही नहीं था.
इन तीन बच्चों में चान ही सबसे बड़ा है. उसके पिता ल्यू जिउन-पिल की उम्र 42 साल है और वो इस आईलैंड पर रहने वाले कम उम्र के लोगों में से एक हैं. इस आईलैंड को लेकर पिल कहते हैं कि मेरा यहां रहना स्थाई नहीं है. चूंकि जबतक पादरी की नौकरी है, तभी तक मैं यहां रहूंगा. हालांकि ये आईलैंड बहुत प्यारा है. लेकिन यहां बच्चों का कोई भविष्य नहीं है. मैं इसलिए भी ये आईलैंड छोड़ने को मजबूर हो जाऊंगा.
नोकडो आईलैंड कभी पूरी तरह से गुलजार हुआ करता था. लेकिन 1970-1980 के दशक में दक्षिण कोरिया में परिवार निवोजन कार्यक्रमों ने जोर पकड़ा और देश में तेजी से शहरीकरण बढ़ा. जिसकी वजह से देश की बड़ी आबादी बच्चे पैदा करने के प्रति उदासीन हो गई. और अब हालात ये हैं कि साल 2020 में दक्षिण कोरिया दुनिया में जन्मदर के मामले में सबसे पीछे रह गया.
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया में जन्मदर 0.84 प्रतिशत रह गई है, जो साल 1970 में 4.5 प्रतिशत हुआ करती थी. लेकिन 1970 के दशक में जब देश की अर्थव्यवस्था उछाल मारने लगी थी, जब सैमसंग, ह्यूदई, जैसी कंपनियों ने अपने यहां महिलाओं को जमकर नौकरी दी और फैमिली प्लानिंग को लेकर भी जागरुकता फैलाई. यही वजह है कि देश की राजधानी सियोल के मेट्रोपॉलिटन इलाके में रहने वाली 51 मिलियन लोगों की आबादी पर अब इल्जाम लग रहे हैं कि उनकी वजह से देश में बच्चों का जन्म कम हुआ.
बैंक ऑफ कोरिया की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया साल 2045 तक जापान को पीछे छोड़ देगा और वो दुनिया में सबसे ज्यादा बुजुर्गों की आबादी वाला देश बन जाएगा. बैंक ने दिसंबर की रिपोर्ट में कहा कि हमें जन्मदर गिरने का अंदेशा तो था, लेकिन ये उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से गिरी.
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