रूस के ओम्याकोन गांव को अंटार्कटिका के बाहर दुनिया की सबसे ठंडी जगह माना जाता है.
साल 1924 में इस जगह का तापमान -71.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. 2018 के आंकड़ों के मुताबिक, यहां 500 से 900 लोग रहते हैं. इन लोगों पर फ्रॉस्टबाइट या पाला गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है.
कड़ाके की सर्दियों का सामना करने के लिए बच्चों को यहां के तापमान के हिसाब से सख्त बनाया जाता है. यहां माइनस 50 डिग्री के तापमान में बच्चे स्कूल जाते हैं. और जब तापमान में अधिक गिरावट होने लगती है तो यहां स्कूलों को बंद कर दिया जाता है.
जानकारी के अनुसार, यहां दिसंबर के महीने में सूरज करीब 10 बजे उगता है. ऐसे में ठंड के कारण लोगों का हाल बेहाल हो जाता है. आलम ये होता है कि गाड़ियों की बैट्री बर्फ में न जमें, इस वजह से गाड़ियों को हर वक्त स्टार्ट किए रखना पड़ता है.
सर्दियों के समय इस गांव में कोई भी फसल नहीं उगती है. लोग अधिकतर अलग-अलग तरह के मांस खाकर जिंदा रहते हैं. यहां रेंडियर और घोड़े के मास के अलावा लोग स्ट्रोगनीना मछली का खूब सेवन करते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़