यूक्रेन और रशिया के बीच युद्ध जैसे हालातों के बीच रशिया ने एक गेमचेंजर खेल खेला है. रशिया ने Artificial intelligence के साथ एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो हवा से हवा में ही मिसाइलों से वार कर सकता है.
यूक्रेन से सीमा पर तनाव बढ़ने पर रूस ने पिछले महीने ओरियन फाइटर ड्रोन लॉन्च किया था. इस ड्रोन ने परीक्षण के दौरान एक मानव रहित ड्रोन पर हवा से हवा में गोलाबारी की. रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ड्रोन ने क्रीमिया के प्रशिक्षण में अभ्यास के दौरान जमीनी ठिकानों पर भी निशाना साधा.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने कथित तौर पर एक विमान से लॉन्च की जाने वाली लेजर गाइडेड मिसाइल भी विकसित की है. युद्ध के दौरान ओरियन ड्रोन अन्य ड्रोन से मुकाबला कर सकता है.
ड्रोन इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और इन्फ्रारेड कैमरों से लैस हैं और इसे जमीन पर एक पायलट द्वारा नियंत्रित किया जाता है. ड्रोन किसी खास इलाके में गश्त के दौरान टोह लेने का काम भी कर सकता है. ड्रोन में KAB-20 और KAB-50 हवाई बम भी हैं जिनमें UPAB-50 गाइडेड ग्लाइडिंग एरियल बम शामिल हैं.
ओरियन ड्रोन एक मध्यम ऊंचाई, लंबी अवधि, मानव रहित हवाई प्रणाली है जिसे रूस की क्रोनस्टाट कंपनी के इंजीनियरों ने बनाया है.
ड्रोन हवा से सतह पर मार करने वाली 4 मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है जो 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अपने 7.5 किमी तक की ऊंचाई पर 24 घंटे तक काम कर सकता है. ड्रोन 250 किलोग्राम का लड़ाकू पेलोड ले जा सकता है.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि सेना के पास पहले से ही 2,000 से अधिक ड्रोन हैं. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के संघर्षों में ड्रोन ने अपनी प्रभावशीलता साबित कर दी है और रूस ने सीरिया में आतंकवादी ड्रोन हमलों सहित उनके उपयोग के खिलाफ सुरक्षा विकसित की है.
वास्तव में, क्रोनस्टाट कंपनी ने कहा था कि ओरियन जैसे मानव रहित हवाई वाहन कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शुरुआत के साथ अधिक सेल्फ डिपेंडेंट होते जा रहे हैं. ड्रोन का विकास पुतिन के हथियारों के विकास की सोच का अहम हिस्सा जिसने रूसी सेना को आधार से मजबूत किया है. सुखोई स्टील्थ फाइटर जेट की एक नई पीढ़ी जिसे 'द चेकमेट' कहा जाता है, की लॉन्चिंंग पिछले साल उड़ान में ड्रोन ले जाने और लॉन्च करने की क्षमता के साथ की गई थी.
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