नई महामारी की बात काल्पनिक नहीं है. वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर नए वायरस से हमें डरना चाहिए.
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस (Disease X) कोरोना से भी तेज गति से फैल सकता है और यह इबोला की तरह ही जानलेवा बन सकता है. अभी के लिए ये एक अज्ञात बीमारी है, जो आने वाले वक्त में दुनिया में फैल सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कॉन्गो की मरीज के डॉक्टर डॉ. डेडिन बोन्कोले कहते हैं कि नई महामारी की बात काल्पनिक नहीं है. पहले इबोला और कोरोना जैसे वायरस के बारे में भी किसी को नहीं पता था. वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर नए वायरस से हमें डरना चाहिए.
1976 में इबोला वायरस की खोज के बाद से प्रोफेसर टैम्फम नए वायरस की खोज में भी लगातार जुटे हुए हैं. उनका कहना है कि अफ्रीका के रेनफॉरेस्ट से नए और खतरनाक वायरस के फैलने का खतरा काफी ज्यादा है. हम अब ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां नए वायरस आएंगे और इसी वजह से इंसानियत पर खतरा भी बना रहेगा.
बताते चलें कि कॉन्गो के यम्बुकु मिशन अस्पताल में पहली बार रहस्यमय वायरस की पुष्टि इबोला के रूप में हुई थी. वायरस से अनजान होने के कारण उस वक्त हॉस्पिटल के 88 फीसदी मरीज और 80 फीसदी स्टाफ की जान इबोला के कारण चली गई थी.
साथ ही अफ्रीका के कॉन्गो में नए खतरनाक वायरस के फैलने का खतरा भी महसूस किया जा रहा है. कॉन्गो में रह रहे प्रोफेसर जीन जेसक्वीस मुयेम्बे टैम्फम का कहना है कि इंसानियत के ऊपर ऐसे वायरस का खतरा बना हुआ है जो जानवरों से इंसानों में पहुंच सकते हैं.
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