Kashmir Vande Bharat Express: स्पेशल वंदे भारत ट्रेनों में पानी की टंकियों में सिलिकॉन हीटिंग पैड की सुविधा होगी. साथ ही पानी को जमने से बचाने के लिए प्लंबिंग के लिए सेल्फ-रेगुलेटिंग हीटिंग केबल भी सुविधा होगी.
कश्मीर के बारे में कहा जाता है कि धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो वह कश्मीर है. संकरे रास्ते और देश के प्रमुख शहरों से ट्रेन की पहुंच नहीं होने की वजह से कश्मीर की हसीन वादियां देखना अभी आसान नहीं है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह समस्या भी जल्द ही सुलझ जाएगी. भारतीय रेलवे कश्मीर के लिए स्पेशल वंदे भारत ट्रेनों की तैयारी कर रहा है.
ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "चेयर कार वैरिएंट वंदे भारत रेक के मौजूदा डिजाइन को कश्मीर में चलाने के लिए बदला गया है. कश्मीर जाने वाली वंदे भारत ट्रेनें एडवांस टेक्नॉलोजी से लैस होंगी. इसके तहत ट्रेनें में प्लंबिंग और पानी की टंकियों के लिए विशेष हीटिंग व्यवस्था, ड्राइवर फ्रंट लुक आउट ग्लास के लिए एम्बेडेड हीटिंग फैसिलिटी होंगी.
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी को सीधे जोड़ने वाली पहली ट्रेन इसी वित्तीय वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है. एडवांस टेक्नॉलोजी से लैस स्पेशल वंदे भारत ट्रेनें उन क्षेत्रों में चलेंगी जहां तापमान शून्य से नीचे पहुंच जाएगा. अधिकारी ने कहा कि इन ट्रेनों में सेंट्रेलाइज हीटिंग सुविधाएं होंगी. इसके तहत वातानुकूलित ट्रेनों में 24 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखने की कोशिश होगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा. फिलहाल यात्री भारतीय रेलवे के जरिए सिर्फ जम्मू के कटरा तक ही पहुंच पाते हैं. 37,012 करोड़ रुपये का रेल लिंक जम्मू और श्रीनगर के बीच कनेक्टिविटी अंतर को पाटने में मदद करेगा. बारामूला, श्रीनगर, काजीगुंड, बनिहाल और संगलदान पहले से ही जुड़े हुए हैं.
चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज भी बनकर तैयार है. चिनाब रेल ब्रिज को जोड़ने वाली कुछ छोटी सुरंगें पूरी होने के अंतिम चरण में हैं. उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में यह पूरा रूट तैयार हो जाएगा.
जीरो डिग्री से नीचे तापमान में ट्रेन चालकों की मदद के लिए फ्रंट लुक आउट ग्लास के लिए एक एम्बेडेड हीटिंग फैसिलिटी होगी. इसके अलावा ब्रेक सिस्टम के ठीक से काम करने के लिए एयर ड्रायर सिस्टम में हीटर भी दिए गए हैं. इन ट्रेनों की सभी वाटर पाइपलाइनों में हीटिंग केबल और थर्मल इन्सुलेशन हैं.
अधिकारियों ने कहा कि स्पेशल वंदे भारत ट्रेनों में पानी की टंकियों में सिलिकॉन हीटिंग पैड (1800 वॉट प्रति पानी टंकी) की सुविधा होगी. अधिकारी ने कहा कि बायो रिटेंशन टैंकों के लिए हीटिंग पैड उपलब्ध कराए गए हैं. साथ ही पानी को जमने से बचाने के लिए प्लंबिंग के लिए सेल्फ-रेगुलेटिंग हीटिंग केबल भी सुविधा होगी.
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