B-21 Raider stealth bomber: ये लड़ाकू विमान पालयट के साथ भी और बिना पायलट के भी अटैक कर सकता है. ये बिना पायलट के परमाणु हमला करने में सक्षम है. यही कारण है कि इसे डिजिटल बॉम्बर कहा जा रहा है.
अमेरिका ने दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान बी-21 रेडर को तैयार कर लिया है. अमेरिकी वायु सेना का ये एयरक्राफ्ट दुनिया के किसी भी हिस्से में हमला करने में सक्षम है. इसे बनाने वाली कंपनी के मुताबिक अमेरिका जल्द ही 100 बी-21 रेडर लड़ाकू विमानों को अपने बेड़े में शामिल कर सकता है. ये दुनिया का सबसे एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाला विमान है. राफेल भी इसके सामने दूर-दूर तक नहीं ठहरता है. इसके लॉन्च होने के साथ ही चीन और रूस समेत दुनिया के हर कोने में इसकी चर्चा शुरू हो गई है.
अमेरिका के इस बी-21 लड़ाकू विमान में खास तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिनका इस्तेमाल पनडुब्बियों और खास प्रकार के विमानों में किया जाता है. यही कारण है कि इसे दुनिया का कोई भी रडार पकड़ नहीं सकता है. इस विमान को बनाने वाली कंपनी ने काम शुरू करने से पहले 8000 साइंटिस्टों की टीम बनाई. इसके बाद इतने सारे दिमागों का इस्तेमाल करके ये खतरनाक हथियार तैयार किया.
बी-21 रेडर एयरक्राफ्ट की रफ्तार कमाल की है. ये एक घंटे में 3600 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है. ये दुनिया का सबसे महंगा विमान है जिसकी कीमत 16 हजार करोड़ रुपये है.
ये लड़ाकू विमान पालयट के साथ भी और बिना पायलट के भी अटैक कर सकता है. ये बिना पायलट के परमाणु हमला करने में सक्षम है. यही कारण है कि इसे डिजिटल बॉम्बर कहा जा रहा है.
इस विमान में क्लाउड तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यानी दुश्मन के हमले में अगर इस विमान को नुकसान भी पहुंचता है तो इसका डाटा हमेशा सिक्योर रहेगा. ये विमान अपग्रेडेबल है. यानी जरूरत के हिसाब से इसे भविष्य में नए सॉफ्टवेयर को लगाकर अपग्रेड किया जा सकता है.
इस विमान की खासियत है कि दुश्मन को भनक भी नहीं लगेगी और ये उसका काम तमाम कर देगा. ये लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है. इस विमान की मदद से अमेरिका दुनिया के किसी भी हिस्से में हमला कर सकता है. ये विमान सिर्फ हमला ही नहीं करता बल्कि निगरानी करने के साथ-साथ दुश्मन के रडार से खुफिया जानकारी भी जुटा सकता है.
ये दुनिया का सबसे छोटे आकार का बॉम्बर विमान है. यही इसकी अनूठी खासियत है. ये छठे जनरेशन का एकलौता एयरक्राफ्ट है. पूरी दुनिया में फिलहाल किसी देश के पास ऐसा हथियार नहीं है. इसकी तुलना राफेल से करें तो वो भी 4.5 जनरेशन का एयरक्राफ्ट है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़