नई दिल्ली: भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर पिछले चंद सालों में ही लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. रईस हों या सामान्य ज्ञान की समझ रखने वाले लोग सभी इसे निवेश करने की एक वस्तु यानी कमोडिटी (Commodity) ही मानते हैं. लेकिन दुनिया का एक गांव ऐसा भी है जहां लोग क्रिप्टोकरेंसी से राशन-पानी, फल, दूध और सब्जियां खरीदते हैं. वहीं अपनी बाकी जरूरतों का बिल भी भरते हैं. आइए तस्वीरें को जरिए देते हैं उस हाईटेक गांव की जानकारी.
रॉयटर्स में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक हाल ही में अल सल्वाडोर (El Salvador) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को वैधानिक मुद्रा का दर्जा दिया है. बिटकॉइन (Bitcoin) इस देश में पहले से चलन में था जिसे लेना या ना लेना मनमर्जी पर था.
(Photo : Reuters)
इस देश में सैकड़ों लोग क्रिप्टोकरेंसी से राशन-पानी, फल, दूध और सब्जियां खरीदते हैं. वो अपनी बाकी जरूरतों का बिल भी इसी के जरिए भरते हैं. इस गांव के इस गांव के 70% लोगों के पास एक अदद बैंक अकाउंट भी नहीं है.
(Photo : Reuters)
सरकारी फैसले यानी संसद में बिल पास होने के बाद यहां का छोटा सा गांव अल जोंटे सुर्खियों में आ गया, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी पिछले साल से रची-बसी हुई है.
(Photo : Reuters)
अल सल्वाडोर का ये एडवांस विलेज दुनियाभर में सर्फिंग के लिए मशहूर है. हर साल एडवेंचर के शौकीन लाखों लोग यहां पहुंचते हैं. यहां की इकॉनमी टूरिज्म बेस्ड है जहां बड़ी तादाद में मछली पालन भी होता है.
(Photo : Reuters)
इस फैसले के पीछे राष्ट्रपति नायिब बुकेले (Nayib Bukele) की प्रमुख भूमिका रही है. सरकार द्वारा अधिक्रत मुद्रा घोषित करने के बाद अब कोई भी छोटा या बड़ा व्यापारी इसे लेने से मना नहीं कर सकेगा. सिर्फ उन्हें छूट मिलेगी जिनके पास इसे स्वीकार करने की टेक्नोलॉजी नहीं होगी.
(Photo : Reuters)
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति का मानना है कि इस कानून से देश के लाखों लोगों को फायदा होगा जिनके पास बैंक सुविधाएं यानी बैंक अकाउंट नहीं है. अल सल्वाडोर इस करेंसी को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश है. वहीं जानकारों का मानना है कि इस फैसले से दुनिया भर के निवेशक यहां निवेश करने के इरादे से पहुंचेंगे. जिसका फायदा सभी को होगा.
(Photo : Reuters)
ट्रेन्डिंग फोटोज़