ब्रिटेन की न्यूज़ वेबसाइट 'द सन' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के विटनूम पिलबरा इलाके को लोगों की जान के खतरे की वजह से 31 अगस्त को खाली करवा लिया गया. अब यहां कोई नहीं रहता. दरअसल ये जगह इतनी जहरीली (Toxic) हो चुकी थी कि ये तक कहा जाने लगा था कि यहां सांस लेने भर से मौत हो सकती थी.
अब इस टाउन को मैप से हटाने की भी तैयारी लगभग पूरी हो गई है. यहां पहली बसावट 1943 में हुई. माइनिंग एरिया होने की वजह से यहां कई तरह की जहरीली गैसों का रिसाव होता था. इस वजह धीरे-धीरे लोगों की मौत होने लगी. आखिरकार 1966 में स्वास्थ्य समस्याओं और कई मौतों के बाद इस विटनूम माइन को बंद कर दिया गया. यहां खनन पर पूरी तरह बैन लगाने के बावजूद लोग यह जगह छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे.
विटनूम क्लोजर एक्ट के तहत लोगों को 31 अगस्त तक जगह खाली करने का अल्टीमेटम मिला था. यहां चेतावनी जारी की गई थी कि आप खुद शहर छोड़ दें या फिर जबरदस्ती निकाल दिया जाएगा. इसके बाद भी लोगों ने एरिया को खाली नहीं किया. इसका नतीजा ये रहा कि यहां रहने वाले करीब दो हजार लोगों की मौत हो गई. इस अनुपात से यहां रह रहे हर दस शख्स में एक की मौत होती गई. यहां की खदानों में काम करने वाला अब कोई नहीं बचा है.
आगे चलकर साल 2006 में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने फैसला किया कि विटेनम से टाउन का तमगा छीन लिया जाएगा. अगले साल 2007 में इस बिल को पारित कर दिया गया. आखिरकार 31 अगस्त को इस टाउन में रहने वाले आखिरी शख्स ने भी इसे खाली कर दिया. इसी के साथ ही यह जगह अब निर्जन और पूरी तरह से वीरान हो गई है.
दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जहां किसी मैन मेड डिजास्टर या किसी और वजह से वीरान हो गईं. ऐसी ही वीरान और निर्जन लोकेशन की वजह से ऑस्ट्रेलिया का ये इलाका पूरी दुनिया की सुर्खियां बटोर रहा है.
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