South Korea US military drills: 2018 के बाद से दक्षिण कोरिया में होने वाला ये अपनी तरह का पहला युद्धाभ्यास है. ट्रेनिंग में करीब 30 नौसैनिक जहाजों, 70 विमानों और 50 बख्तरबंद गाड़ियों ने हिस्सा लिया. वहीं न्यूक्लियर एनर्जी से चलने वाले अमेरिकी विमानवाहक पोत के साथ दक्षिण कोरिया के सैनिकों ने जमकर युद्धाभ्यास किया.
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Kim Jong Un sends a ‘nuclear’ message to enemies; why does it alarm the West: वैश्विक कूटनीति की बिसात में कौन सी महाशक्ति कब क्या दांव चल दे, ये कोई नहीं जानता. कुछ ऐसा ही किया है अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने जिसके बाद नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) के साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की टेंशन भी बढ़ गई है. दरअसल पिछले तीन महीने से नॉर्थ कोरिया ताबड़तोड़ और अंधाधुंध मिसाइल टेस्ट कर रहा था. नॉर्थ कोरिया ने ये दावा भी किया कि उसका एक परीक्षण न्यूक्लियर बम (orth Korea unveils new nuclear warheads) से जुड़ा था जो कामयाब रहा. इस घटनाक्रम को लेकर कहा जा रहा था कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया अपनी मिलिट्री डिल टाल देंगे, लेकिन ऐसी अटकलों को झटका देते हुए अमेरिकी मरीन ने दक्षिण कोरिया की फौज के साथ कुछ घंटे पहले पोहांग में बहुत बड़े पैमाने पर संयुक्त लैंडिंग एक्सरसाइज (Joint Landing Excersise) की है.
पांच साल बाद सबसे बड़ी मिलिट्री ड्रिल
2018 के बाद से दक्षिण कोरिया में होने वाला ये अपनी तरह का पहला युद्धाभ्यास है. ट्रेनिंग में करीब 30 नौसैनिक जहाजों, 70 विमानों और 50 बख्तरबंद गाड़ियों ने हिस्सा लिया. परमाणु ऊर्जा से चलने वाले अमेरिकी विमानवाहक पोत के साथ दक्षिण कोरिया के सैनिकों ने युद्धाभ्यास किया. अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने सुबह से लेकर बीती देर रात तक बहुत बड़ा युद्धाभ्यास किया. आपको बताते चलें कि 2018 के बाद दोनों देश पहली बार इतने बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रहे हैं.
जून में होने वाला है कुछ बड़ा!
अमेरिका और साउथ कोरिया ने इस युद्धाभ्यास के जरिए दुश्मनों को जड़ से खत्म करने की चेतावनी दी है. इस ड्रिल में फ्रीडम शील्ड 23 नाम का कंप्यूटर सिमुलेशन और कई संयुक्त फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज शामिल भी हैं. आपको बताते चलें कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका दोनों अपने गठबंधन की 70वीं वर्षगांठ मानते हुए जून में अब तक के सबसे बड़ा संयुक्त लाइव-फायर अभ्यास आयोजित करने की योजना बना रहे हैं. उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधि के खिलाफ प्रतिरोध को मजबूत करने के संयुक्त प्रयासों तहत ये अभ्यास दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं और एकजुटता को दिखाएगा.
गौरतलब है कि यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद की वजह से पुतिन, अमेरिका से खार खाए बैठे हैं. तो दूसरी ओर नॉर्थ कोरिया, अमेरिका के गले में हड्डी की तरह अटक गया है. वैसे भी कहा जाता है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, इस मिसाल की वजह से जून में कुछ बड़ा होने की अटकलें भी लग रही हैं.
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