DNA: बूंद-बूंद को तरसेगी दुनिया, पिघल रहा 200 करोड़ लोगों का 'प्याऊ', ज्यादा दूर नहीं कयामत
Advertisement
trendingNow12296847

DNA: बूंद-बूंद को तरसेगी दुनिया, पिघल रहा 200 करोड़ लोगों का 'प्याऊ', ज्यादा दूर नहीं कयामत

Water Shortage: हिंदू कुश हिमालय पर इस बार बर्फबारी का स्तर सामान्य से 20 प्रतिशत कम रहा है. सबसे कम बर्फबारी हिंदू कुश हिमालय के पश्चिम में हुई है. स्नो अपडेट रिपोर्ट के मुताबिक गंगा बेसिन में बर्फ का स्तर सामान्य से 17 प्रतिशत कम और ब्रह्मपुत्र बेसिन में सामान्य से 14.6 प्रतिशत कम रहा है.

DNA: बूंद-बूंद को तरसेगी दुनिया, पिघल रहा 200 करोड़ लोगों का 'प्याऊ', ज्यादा दूर नहीं कयामत

 Hindu Kush Himalayas: इस बार गर्मी ने हद पार कर दी है. दुनिया के कई देशों में भयंकर गर्मी पड़ रही है. इस भयंकर गर्मी में जल संकट भी बढ़ रहा है, जिसका असर दुनिया के 200 करोड़ लोगों पर पड़ सकता है. हाल ही में नेपाल की International Center for Integrated Mountain Development यानि ICIMOD की एक रिपोर्ट आई है.

 इस रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू कुश हिमालय पर इस बार बर्फबारी का स्तर सामान्य से 20 प्रतिशत कम रहा है. सबसे कम बर्फबारी हिंदू कुश हिमालय के पश्चिम में हुई है. स्नो अपडेट रिपोर्ट के मुताबिक गंगा बेसिन में बर्फ का स्तर सामान्य से 17 प्रतिशत कम और ब्रह्मपुत्र बेसिन में सामान्य से 14.6 प्रतिशत कम रहा है. सिंधु बेसिन में बर्फ का स्तर सामान्य से 23.3 प्रतिशत कम रहा है. जो पिछले 22 वर्षों में सबसे कम है.

हिंदुकुश में कम बर्फबारी, बढ़ी टेंशन

सरल शब्दों में इसका मतलब ये हुआ कि हिंदुकुश में बर्फबारी कम हुई है. हिंदू कुश हिमालय भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान में करीब 3,500 किलोमीटर में फैला है. हिमालय के इन पहाड़ों में मौजूद बर्फ एशिया में करीब 200 करोड़ लोगों की ताजे पानी की जरूरत को पूरा करती है. ये 200 करोड़ लोग एशिया के 16 देशों में बसे हैं जिनमें भारत भी एक है. इनमें से 24 करोड़ लोग वो हैं जो हिमालय के पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे हैं जबकि 165 करोड़ निचले इलाकों में रहते है. जो अलग-अलग देशों में है.

65 परसेंट तेजी से पिघल रही बर्फ

ICIMOD की रिपोर्ट कहती है कि हिंदू कुश हिमालय के ग्लेशियर की बर्फ 65 प्रतिशत ज्यादा तेजी से पिघल रही है. हिंदूकुश में बर्फबारी का कम होना और बर्फ का तेजी से पिछलना चिंता का विषय है, जिसकी वजह से दुनिया के एक बड़े इलाके में सूखे का संकट पैदा हो सकता है.

जाम से हिल स्टेशनों पर हाहाकार

अब बात पहाड़ों पर लगे जाम की करते हैं.आपने दिल्ली और मुंबई का जाम देखा होगा. कई बार तो गाड़ियां जाम की वजह से ठप पड़ जाती हैं. लेकिन आजकल दिल्ली और मुंबई वाला जाम हिल स्टेशन पर भी लग रहा है. गर्मियों की छुट्टियों में पहाड़ों पर इंसान और गाड़ियां ही नजर आ रही हैं. हर कोई पहाड़ों की तरफ भाग रहा है. मनाली हो या हरिद्वार जाम के हालात एक जैसे ही हैं. गर्मी से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग मनाली पहुंचे हैं, जिसकी वजह से मनाली की सड़कों पर गाड़ियां कछुए की चाल चल रही है. 

ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात है, लेकिन गाड़ियों की बेतहाशा वृद्धि ने व्यवस्था को चरमरा दिया है. यही हाल हरिद्वार का है. रविवार को गंगा दशहरा था, जिसकी वजह से हरिद्वार में भी लंबा जाम लगा था. लोग गर्मी से राहत पाने के लिए हिल स्टेशन जा रहे हैं. लेकिन यहां गर्मी और जाम के डबल अटैक से परेशान हो रहे हैं.

Trending news