Explained: 5500 किमी दूर भी ला सकती है जलजला, यूक्रेन पर फायर हुए रूस के 'ब्रह्मास्त्र' की पूरी कहानी
Advertisement
trendingNow12524833

Explained: 5500 किमी दूर भी ला सकती है जलजला, यूक्रेन पर फायर हुए रूस के 'ब्रह्मास्त्र' की पूरी कहानी

ICBM against Ukraine: रूस ने यूक्रेन के खिलाफ इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल RS-26 Rubezh का इस्तेमाल किया है. रूस-यूक्रेन युद्ध में पहली बार इस कहर बरपाने वाली मिसाइल का उपयोग हुआ है. 

Explained: 5500 किमी दूर भी ला सकती है जलजला, यूक्रेन पर फायर हुए रूस के 'ब्रह्मास्त्र' की पूरी कहानी

Russia fire ICBM on Ukraine: रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के 1,000 दिन पूरे होने के कुछ घंटों बाद ही 21 नवंबर को इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल RS-26 Rubezh दाग दी. रूस-यूक्रेन युद्ध में इस मिसाइल के उपयोग ने इसकी भयावहता को और बढ़ा दिया है. रूस ने यूक्रेनी शहर Dnipro में RS-26 रूबेज लॉन्च की. बेहद घातक और हाईरेंज वाली इस मिसाइल का उपयोग इस संघर्ष को और बढ़ाने का संकेत है. ICBM RS-26 Rubezh दागे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

यह भी पढ़ें: गधे पर लादकर ले जा रहा अपने ही सैनिकों के शव, पाकिस्‍तान की शर्मनाक हरकत का Video वायरल

यूक्रेन के लंबी दूरी के हमलों का जवाब

रूस ने ICBM RS-26 Rubezh दागकर यूक्रेन के उन हमलों का जबाव दिया है जो उसने हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा दी गई स्टॉर्म शैडो मिसाइल व एटीएसीएमएस दागकर किए थे. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इन मिसाइलों के उपयोग की खासी निंदा की थी और आगे तनाव बढ़ने की चेतावनी भी दी थी. इसके बाद ही नतीजा रूस द्वारा ICBM RS-26 Rubezh मिसाइल से हमले के तौर पर देखने को मिला.

यह भी पढ़ें: खजाने के अंदर मिला इतना बड़ा खजाना, कीमत आंकने में विशेषज्ञों के छूटे पसीने

क्‍या है RS-26 "रूबेज"?

RS-26 रुबेज रूस द्वारा विकसित की गई परमाणु सक्षम इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है. यानी कि इसे विशेष रूप से रणनीतिक परमाणु हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है. 'रुबेज' नाम का अर्थ है 'सीमा' है. यह दूर तक जाकर सटीक रूप से परमाणु या पारंपरिक वारहेड्स का लक्ष्य बनाने में सक्षम है.

5500 किलोमीटर दूर तक जा सकती है RS-26 Rubezh

ICBM RS-26 Rubezh की बड़ी खासियत है लंबी दूर तक जाकर सटीकता से वार करना. इसके अलावा इसकी दूसरी बड़ी खासियत है कि यह एक से ज्‍यादा टारगेट पर हमला कर सकती है. साथ ही वह दुश्‍मनों की रक्षा प्रणाली को चकमा देकर अपने लक्ष्‍य को बनाने में सक्षम है. RS-26 1.5 टन का विशाल पेलोड भी ले जा सकती है, जो इसे और भी ज्‍यादा घातक बनाने का काम करती है.

 

संधि तोड़कर पुतिन ने बनाई RS-26 रूबेज

RS-26 रुबेज RSD-10 मिसाइल की विरासत का ही एडवांस्‍ड वर्जन हैं. 1990 के दशक में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (INF) संधि के तहत इन मिसाइलों को नष्‍ट कर दिया गया था लेकिन रूस ने राष्ट्रपति पुतिन ने इन मिसाइलों का उत्पादन फिर से शुरू कर दिया. साथ ही उसे अत्‍याधुनिक और घातक भी बनाया. इस तरह पुतिन द्वारा RS-26 रुबेज का निर्माण इस संधि का उल्लंघन भी है.

नाटो के लिए संदेश, नहीं थमेगा युद्ध

पारंपरिक हमले में RS-26 रुबेज का उपयोग करने रूस नाटो और उसके सहयोगियों को यूक्रेन में अपनी आगे की रणनीति को लेकर स्‍पष्‍ट संकेत दे रहा है. रूस ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि परमाणु हथियार ले जाने और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता वाली आरएस-26 रुबेज का उपयोग करके वह इस संघर्ष को कैसे एक कदम और आगे बढ़ा सकता है.

Trending news