श्रीलंका में अनुरा कुमारा की 'लाल क्रांति' की अग्निपरीक्षा, पास हुए तो ठीक, वरना चीन के कट्टर समर्थक की डूबेगी नैया?
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श्रीलंका में अनुरा कुमारा की 'लाल क्रांति' की अग्निपरीक्षा, पास हुए तो ठीक, वरना चीन के कट्टर समर्थक की डूबेगी नैया?

Sri Lanka Parliamentary Election 2024: श्रीलंका के आम चुनावों में अनुरा कुमारा दिसानायके ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी, बहुमत पाने के लिए चुनाव हो रहा है. वामपंथी राष्ट्रपति अनुरा कुमारा का गुरुवार का चुनाव अग्निपरीक्षा की तरह है.

 

श्रीलंका में अनुरा कुमारा की 'लाल क्रांति' की अग्निपरीक्षा, पास हुए तो ठीक, वरना चीन के कट्टर समर्थक की डूबेगी नैया?

Sri Lanka Parliamentary Polls: श्रीलंका में संसद के 225 सदस्यों को चुनने के लिए गुरुवार को मतदान  हो रहा है. इस चुनाव में देश के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके बहुमत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं.  देश में आर्थिक संकट के बाद अस्थिर हुई सरकार के बाद बनी नई सरकार के राष्ट्रपति दिसानायके धन के दुरुपयोग से मुक्त नई राजनीतिक संस्कृति की मांग के साथ ही संसद में भी पूर्ण बहुमत पाने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं. 

नेशनल पीपुल्स पावर की पहली बड़ी परीक्षा 
यह चुनाव राष्ट्रपति दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी, नेशनल पीपुल्स पावर की पहली बड़ी परीक्षा है. इस चुनाव में सजित प्रेमदासा के नेतृत्व वाली समागी जन संदानया, पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की श्रीलंका पोदुजना पार्टी, पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे का समर्थन करने वाले अलग हुए विधायकों से बना न्यू डेमोक्रेटिक फ्रंट और उत्तर की अल्पसंख्यक पार्टियां सीटों की मांग कर रही हैं. 

रानिल विक्रमसिंघे संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे
यह पहली बार है (1977 के बाद) कि निवर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. वह पिछले महीने हुए राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके से हार गए थे. सभी राजपक्षे बंधु (जिनमें महिंदा, गोटाबाया, चमाल और बेसिल शामिल हैं) दशकों बाद संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. पिछली सरकार के कई मंत्रियों और उप मंत्रियों ने इस दौड़ से बाहर होने का विकल्प चुना है. 

दिसानायके क्यों चाहते हैं संसद में मजबूत जनादेश
राष्ट्रपति दिसानायके ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने तथा उन पूर्व नेताओं को दंडित करने के लिए संसद से मजबूत जनादेश की मांग की है. ये वो भ्रष्ट नेता हैं जिन पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप सिद्ध हो चुका है. दिसानायके 21 सितंबर को निर्वाचित हुए थे.  इन चुनावों में 22 निर्वाचन जिलों में मतदान के माध्यम से 196 सदस्यों का चुनाव होगा तथा राष्ट्रीय सूची के माध्यम से 29 सदस्य चुने जाएंगे. ये चुनाव में राजनीतिक दलों और स्वतंत्र समूहों को प्राप्त कुल मतों की संख्या के आधार पर होगा. 

भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा कुमारा दिसानायके 
अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) के नेता हैं. वे NPP गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक JVP पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है. 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था. तब JVP ने इसका विरोध किया था. श्रीलंका के मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी ने चुनाव के पहले वादा किया था कि अगर राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाती है तो श्रीलंका में अडानी समूह की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देगी. अगर श्रीलंका में वाम विचारधारा का नेता शीर्ष पद पर बैठता है तो इससे भारत के लिए भी चिंताएं बढ़ सकती हैं. लेकिन सितंबर से अभी तक कोई ऐसी सूचना नहीं आई है, जब लगे कि भारत का विरोध चीन की वजह सेअनुरा कुमारा दिसानायके कर रहे हैं.

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