संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में एक बार फिर भारत की ओर से आतंकवाद (Terrorism) का मुद्दा उठाया गया. भारतीय राजदूत (India's Ambassador to UN) ने साफ किया कि किसी भी रूप में आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसके खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद करने की जरूरत है.
Trending Photos
संयुक्त राष्ट्र: भारत ने एक बार फिर आतंकवाद (Terrorism) के मुद्दे पर बगैर नाम लिए पाकिस्तान (Pakistan) को वैश्विक मंच पर कड़ी फटकार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद के खिलाफ चर्चा के दौरान भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा कि हम आतंकवाद को किसी भी रूप में सही साबित नहीं कर सकते और उसके खिलाफ एकजुट होकर कारगर तरीके से लड़ने की जरूरत है.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए तिरुमूर्ति ने कहा किस आतंकवाद एक वैश्विक खतरा बना हुआ है और इसे साझा प्रयासों से ही नाकाम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि किसी भी रूप के आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए, चाहे उसके पीछे कोई भी मकसद रहा हो.
ये भी पढ़ें: सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, हंदवाड़ा एनकाउंटर में हिज्बुल का टॉप कमांडर ढेर
यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि तिरुमूर्ति ने कहा कि अमेरिका में 9/11 को हुए आतंकी हमले के 20 साल बाद आतंकवाद को हिंसक राष्ट्रवाद और दक्षिणपंथी चरमपंथ जैसे शब्दों में बांटने की कोशिश फिर से हो रही है और दुनिया को ‘आपके आतंकवादी’ और ‘मेरे आतंकवादी’ के दौर में नहीं लौटना चाहिए बल्कि इस समस्या का मुकाबला मिलकर करना चाहिए.
राजदूत ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद निरोधी रणनीति को 15 साल पहले सबकी सहमति से अपनाया गया था और यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति को हासिल करने साथ ही इसे बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम था.
उन्होंने कहा कि तब इस बात पर सहमति बनी थी कि आतंकवाद की निंदा उसके सभी रूपों और प्रकारों में की जानी चाहिए और आतंकवाद के किसी भी कृत्य को अपवाद नहीं माना जा सकता या उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता भले ही उसके पीछे कोई भी सोच कैसी भी हो. उन्होंने कहा कि यह भी स्वीकार किया गया था कि आतंकवाद की किसी भी घटना को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता और जोड़ा भी नहीं जाना चाहिए.
तिरुमूर्ति ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में जायज ठहराना, चाहे यह धर्म, विचारधारा, जातीयता या नस्ल के आधार पर हो, यह आतंकियों को अपनी गतिविधियों को और बढ़ाने का मौका ही देगा.
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कई दशक तक सीमापार आतंकवाद से पीड़ित रहने की वजह से भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आगे रहा है. हालांकि यह समय उन लोगों का आह्वान करने का है जो आतंकी गुटों को नैतिक, साजो-सामान संबंधी, आर्थिक और वैचारिक समर्थन देते हैं. इसके बाद आतंकी संगठनों को पनाह देकर वैश्विक नियमों का खुलकर उल्लंघन करते हैं.
वैश्विक आतंकवाद निरोधक रणनीति (GCTS) की 7वीं समीक्षा पर प्रस्ताव पारित करने के लिए मंगलवार को यह चर्चा आयोजित की गई थी.