UN में प्रगति के अभाव में डाक टिकटों से किया जा रहा आतंकियों का महिमामंडन : भारत
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UN में प्रगति के अभाव में डाक टिकटों से किया जा रहा आतंकियों का महिमामंडन : भारत

 भारत ने पिछले हफ्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी की संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात को रद्द कर दिया था. 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज.(फोटो- @MEAIndia)

संयुक्त राष्ट्र: अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर वैश्विक संधि को स्वीकार करने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र में प्रगति नहीं होने की भारत ने तीखी आलोचना की और शनिवार को कहा कि ऐसी निष्क्रियताओं के कारण ही उन आतंकवादियों पर डाक टिकटें जारी कर उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है जिनके सिर पर इनाम घोषित है. भारत ने पिछले हफ्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी की संयुक्त राष्ट्र में मुलाकात को रद्द कर दिया था.  मारे गए कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी का महिमामंडन करते हुए पाकिस्तान द्वारा उस पर डाक टिकट जारी किए जाने को मुलाकात रद्द करने के कारणों में से एक बताया गया था.

सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73 वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले पांच साल से, हर साल भारत इस मंच से कहता रहा है कि आतंकवादियों और उनके संरक्षकों पर काबू के लिए सूचियां पर्याप्त नहीं हैं.  उन्होंने इस क्रम में अंतरराष्ट्रीय कानून की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत ने 1996 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि (सीसीआईटी) के संबंध में एक मसौदा दस्तावेज का प्रस्ताव दिया था. 

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लेकिन वह मसौदा आज तक मसौदा ही बना हुआ है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य एक साझा भाषा पर सहमत नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि एक ओर हम आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं वहीं दूसरी ओर, हम इसे परिभाषित नहीं कर सकते. सुषमा ने कहा कि यही कारण है कि जिनके सिर पर इनाम घोषित है, उन्हें संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश द्वारा आजादी के नायक के रूप में पेश किया जाता है, उनका वित्त पोषण किया जाता है और सशस्त्र बनाया जाता है.

वह मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना हाफिज सईद का जिक्र कर रही थीं जिसके बारे में ठोस सूचना पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि सिर पर इनाम और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के बावजूद सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है, रैलियों को संबोधित करते हैं और 2018 के आम चुनावों में हिस्सा लेता है. सुषमा ने कहा कि आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं होने से "क्रूरता और बर्बरता को वीरता के रूप में विज्ञापित किया जाता है. ’’ उन्होंने 193 सदस्यीय निकाय से अपील की कि वह जल्द सीसीआईटी पर किसी समझौते पर पहुंचे. 

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