भारत के साथ सीमा विवाद और कोरोना महामारी के चलते चीन की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं.
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बैंकॉक: भारत के साथ सीमा विवाद और कोरोना महामारी के चलते चीन की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. दुनिया के तमाम देश 'ड्रैगन' के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. अब थाईलैंड (Thailand) ने भी उसे बड़ा झटका दिया है. थाईलैंड की सरकार ने लोगों के विरोध को देखते हुए चीन से पनडुब्बी खरीदने की योजना को स्थगित कर दिया है. थाईलैंड ने चीन के साथ जून 2015 में तीन पनडुब्बियां (Yuan Class SYuan Class S26T submarines) खरीदने का सौदा किया था, जिसमें 434 मिलियन डॉलर की लागत से एक पनडुब्बी वह पहले ही खरीद चुका है.
संकट में सौदा क्यों?
इस महीने की शुरुआत में संसदीय समिति ने 723.5 मिलियन डॉलर की लागत से बाकी दो पनडुब्बियां खरीदने को भी मंजूरी दे दी थी. सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस राशि को 7 सालों में किश्तों में चुकाया जाएगा, लेकिन जनता को कोरोना से जूझ रही अर्थव्यवस्था के दौर में पनडुब्बियां खरीदने का सरकार का यह फैसला पसंद नहीं आया. लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जाने लगे. आम जनता के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार का विरोध किया. आखिरकार सरकार को चीन से डील को टालने का ऐलान करना पड़ा.
...लेकिन PM ने स्पष्ट किये इरादे
सरकार के प्रवक्ता अनुचा बुरापाचासरी ने बताया कि नौसेना को पनडुब्बी खरीद प्रक्रिया को एक साल के लिए निलंबित करने को कहा गया है, ताकि आवंटित बजट को आर्थिक तंगी दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सके. थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा (Prime Minister Prayuth Chan-ocha) ने संवाददाताओं से कहा कि हमने चीन से बात की है और नौसेना को अपने करार के संबंध में बीजिंग से बात करनी है कि क्या हम भुगतान में एक साल की देरी कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पनडुब्बी डील हर हाल में आगे बढ़ेगी, क्योंकि पनडुब्बी थाईलैंड के दीर्घकालिक रक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है.
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