राष्ट्रपति ट्रंप ने दिए इरानी जहाजों को तबा​ह कर देने के निर्देश, ट्वीट कर कही ये बात
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राष्ट्रपति ट्रंप ने दिए इरानी जहाजों को तबा​ह कर देने के निर्देश, ट्वीट कर कही ये बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने अमेरिकी जल सेना को इरानी जहाजों को नष्ट करने का आदेश दिया है.

 

राष्ट्रपति ट्रंप ने दिए इरानी जहाजों को तबा​ह कर देने के निर्देश, ट्वीट कर कही ये बात

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को एक ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने अमेरिकी जल सेना को ऐसे इरानी जहाजों को नष्ट करने का आदेश दिया है, जो समुद्र में अमेरिकी जहाजों पर हमला करने की कोशिश करते हैं.

ट्रंप ने ये आदेश तब दिया है, जब ठीक एक हफ्ते पहले इरान की इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड सैन्यदल के 11 जहाज, खाड़ी में खतरनाक तरीके से अमेरिकी जहाजों के काफी करीब आ गए थे.

 

 

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा, 'मैंने अमेरिकी नेवी को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई इरानी गनबोट हमारे जहाजों पर हमला करता है, तो उसे तुरंत शूट करें और वहीं तबाह कर दें.'

दूसरी तरफ इरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स सैन्यदल ने जानकारी दी है कि उन्होंने देश का पहला मिलिट्री सैटेलाइट कक्षा में भेजा है.  

ट्रम्प ने अपना ट्वीट इस घोषणा के कुछ देर बाद किया है.

ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड ने बुधवार को कहा कि उसने देश का पहला सैन्य उपग्रह कक्षा में पहुंचाया है. साथ ही अमेरिका से तनाव के बीच चौंकाने वाला यह प्रक्षेपण सामने आने से उस अंतरिक्ष कार्यक्रम का खुलासा हो गया जिसे विशेषज्ञ गोपनीय बताते थे.

उपग्रह के प्रक्षेपण की तत्काल कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है. रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इस उपग्रह को ‘‘नूर’’ नाम दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय और पेंटागन ने इस बारे में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की.

हालांकि इस प्रक्षेपण से विशेषज्ञों में इसको लेकर चिंता उत्पन्न हुई कि इसमें इस्तेमाल प्रौद्योगिकी से क्या ईरान को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित करने में मदद मिलेगी.

यह प्रक्षेपण ऐसे समय में किया गया है जब तेहरान और वाशिंगटन के बीच खत्म हुए परमाणु समझौते और जनवरी में अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने को लेकर दोनों देशों के संबंधों में तनाव चल रहा है.

ऐसे में जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और तेल की कीमतें ऐतिहासिक रूप से गिर गई है, मिसाइल का प्रक्षेपण ईरान द्वारा जोखिम लेने की तत्परता का संकेत हो सकता है.

कैलिफोर्निया के मांटेरेरी स्थित मिडलबरी इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल स्टडीज में जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज में एक रिसर्चर फेबियन हिंज ने कहा, ‘‘ऐसे में जब अधिकतम दबाव डाला गया है, ईरान के पास अब खोने के लिए कुछ खास नहीं है.’’

गार्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा कि उपग्रह पृथ्वी की सतह से 425 किलोमीटर ऊपर स्थित कक्षा में पहुंचा. द गार्ड ने तेहरान द्वारा प्रक्षेपित पहला सैन्य उपग्रह करार दिया.

उसने कहा कि तीन चरण वाला उपग्रह ईरान के सेंट्रल डेजर्ट से प्रक्षेपित किया गया. उसने इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी.

हिंज ने कहा कि सरकारी मीडिया के चित्रों के आधार अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि यह प्रक्षेपण तेहरान से लगभग 330 किलोमीटर उत्तरपूर्व में ईरान के शाहरोद के पास अज्ञात गार्ड बेस से किया गया.

अर्धसैनिक बल ने कहा कि उसने उपकरण को अंतरिक्ष में भेजने के लिए एक ‘‘मैसेंजर’’ उपग्रह वाहक का इस्तेमाल किया. उसने प्रणाली को तरल और ठोस ईंधन दोनों का उपयोग करने वाला बताया. गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी ने उपग्रह को ‘‘बहुआयामी’’ बताया.

राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपनी कैबिनेट के समक्ष बुधवार को करीब 40 मिनट का संबोधन दिया लेकिन इसमें प्रक्षेपण का कोई उल्लेख नहीं था.

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