Pakistan: अलकायदा कर रहा TTP की मदद, पाकिस्तान के लिए 'खतरे की घंटी' है यूएन की रिपोर्ट
Advertisement
trendingNow12338308

Pakistan: अलकायदा कर रहा TTP की मदद, पाकिस्तान के लिए 'खतरे की घंटी' है यूएन की रिपोर्ट

UN Report: यूएन रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी अफगानिस्तान में सबसे बड़ा आतंकवादी समूह बना हुआ है और उसके लड़ाकों की अनुमानित संख्या 6,000-6,500 है.

Pakistan: अलकायदा कर रहा  TTP की मदद, पाकिस्तान के लिए 'खतरे की घंटी' है यूएन की रिपोर्ट

Pakistan-Afghanistan: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अफगानिस्तान में सबसे बड़ा आतंकवादी ग्रुप बना हुआ है. अल-कायदा और उसके बीच गहरी साठगांठ इसे ‘क्षेत्र से बाहर के एक खतरे’ में बदल सकती है.

तालिबान और अन्य संबद्ध व्यक्तियों व संस्थाओं के संबंध में विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंध निगरानी दल की 15वीं रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

6000 से ज्यादा लड़ाके
इसमें कहा गया है कि टीटीपी अफगानिस्तान में सबसे बड़ा आतंकवादी समूह बना हुआ है और उसके लड़ाकों की अनुमानित संख्या 6,000-6,500 है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सदस्य देश ने चिंता जताई है कि ‘टीटीपी और अल-कायदा के बीच गहरी साठगांठ टीटीपी को क्षेत्र से बाहर के एक खतरे में बदल सकती है.’

अलकायाद कैसे कर रहा है टीटीपी की मदद
इसमें कहा गया है कि अल-कायदा द्वारा टीटीपी की मदद करने में उसके ‘तश्कीलों’ (इस संदर्भ में लड़ाकों की टुकड़ी) और अफगानिस्तान में ट्रेनिंग शिविरों के लिए अफगान फाइटर्स को भेजना शामिल है.

भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा की ट्रेनिंग की वजह से टीटीपी की रणनीति में बदलाव आया है और उसने कई बड़े हमलों को अंजाम दिया है.

सिराजुद्दीन हक्कानी ग्रुप के एक शख्स का जिक्र
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘एक वार्ताकार ने टीटीपी को हथियार ट्रांसफर में सिराजुद्दीन हक्कानी से जुड़े एक व्यक्ति की भूमिका का उल्लेख किया है, साथ ही इस्लामिक स्टेट (खोरासन) के कैदियों को इस शर्त पर रिहा करने की व्यवस्था की कि वे टीटीपी में शामिल हों.’

हक्कानी अफगानिस्तान में तालिबान सरकार में अंदरुनी मामलों का मंत्री है जिसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है.

इसमें कहा गया है, ‘तालिबान लगातार दावा करता रहा है कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (खोरासन) के अलावा कोई विदेशी आतंकवादी समूह नहीं है. लेकिन सदस्य देशों ने बताया है कि इस देश में 24 से अधिक समूह सक्रिय हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘कई सदस्य देशों ने चिंता जतायी है कि अधिकांश परिदृश्यों में अफगानिस्तान मध्य एशिया और क्षेत्र के लिए असुरक्षा का स्रोत बना रहेगा.’

Trending news