एक पिता की दर्दनाक दास्तां: ठंड से जम गई 7 दिन की बच्ची, वो कुछ न कर सका
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एक पिता की दर्दनाक दास्तां: ठंड से जम गई 7 दिन की बच्ची, वो कुछ न कर सका

सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध ने हालात बेहद खराब कर दिए हैं. यहां ठंड के मौसम में हालात और बिगड़ गए हैं. यहां विस्‍थापन कैंपों में रह रहे लोग अपनी आंखों के सामने अपने बच्‍चों को मरते देख रहे हैं. 

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नई दिल्‍ली: एक पिता के सामने ठंड से उसकी बच्‍ची मर जाए और उसे बचाने के लिए वह कुछ भी न कर सके, ऐसा दर्द सीरिया के लोग सह रहे हैं जो गृहयुद्ध की वजह से विस्‍थापन कैंपों में रह रहे हैं. 

  1. सात द‍िन की बच्‍ची की ठंड से मौत
  2. पिता ने बताई आपबीती 
  3. सीरिया में चल रहा है कई सालों से गृहयुद्ध  

सात दिन की बच्‍ची सहित दो बच्चों की मौत 

Al Jazeera की खबर के अनुसार, गंभीर ठंड के मौसम के कारण सीरिया के इदलिब प्रांत में टेंट विस्थापन शिविरों में सात दिन की बच्‍ची सहित दो बच्चों की रात भर में मौत हो गई. ये बात इस क्षेत्र में गंभीर मानवीय स्थिति को बता रहा है.

बच्‍ची को छुआ तो बर्फ की तरह हो रही थी महसूस  

बच्‍ची के पिता मोहम्मद अल-हसन ने बताया, "जब मैंने उसे छुआ, तो वह बर्फ की तरह महसूस हो रही थी." उनकी सात दिन की बेटी फातिमा की इदलिब के अल रहमान अस्पताल में रात भर में मौत हो गई. इदलिब लाखों सीरियाई लोगों का घर है जो एक दशक से चल रहे गृहयुद्ध की वजह से अपने घरों से भागकर विस्‍थापन कैंपों में रह रहे हैं. 

ठंड से नीला पड़ गया था शरीर 

अल-रहमान अस्पताल के डॉक्टर फदी हलाक ने कहा कि फातिमा का नीला रंग हो गया था. अस्पताल पहुंचने तक नाक और मुंह से खून बह रहा था. वह एक हफ्ते पहले ही इसी हॉस्‍प‍िटल में पैदा हुई थी और ठीक थी लेकिन हाल ही के दिनों में कड़ाके की ठंड से उसकी मौत हो गई. 

तंबू में रह रहे हैं विस्‍थापित

अल-हसन ने कहा, "हम सर्दियों के लिए थोड़ी तैयारी करने में सक्षम थे, लेकिन हमें वह सब कुछ नहीं मिला जो हमें चाहिए. काम और आय को सुरक्षित करना कठिन है. उनका परिवार सात साल पहले दक्षिणी अलेप्पो प्रांत से विस्थापित हो गया था. अब वह तंबू वाली बस्तियों में रहते हैं. 

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ठंड से हो रही बच्‍चों की मौत 

उत्तरी इदलिब में अल-जबल विस्थापन शिविर में अपने परिवार के साथ रहने वाली दो महीने की अमीना सलामेह का भी मौत हो गई. अल-रहमान के पास पहुंचने पर उसकी नब्ज चल रही थी, लेकिन डॉक्टर उसे जिंदा नहीं रख सके. पिछले दो सप्ताह में कम से कम तीन अन्य बच्चों की ठंड से मौत हो गई है. 

बता दें कि पिछले दो हफ्तों में कड़ाके की ठंड ने उत्तर-पश्चिम सीरिया में तबाही मचा दी है जहां 40 लाख से अधिक विस्थापित सीरियाई रहते हैं. इन आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) में से लगभग 1.7 मिलियन राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना से भागने के बाद टेंट वाली बस्तियों में रहते हैं. सीरिया में साल 2011 में विद्रोह शुरू हुआ था. इसके बाद से अब तक करीब पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं. 

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