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लंदन: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष रहीं रश्मि सामंत (Rashmi Samant) के मामले में मोदी सरकार (Modi Government) का दबाव काम आया है. सरकार के पुरजोर तरीके से मामले को उठाने के बाद ब्रिटिश पुलिस (British Police) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने जांच शुरू कर दी है. बता दें कि यूनिवर्सिटी अध्यक्ष चुने जाने के बाद सामंत के विरोधियों ने उनके कुछ पुराने सोशल मीडिया पोस्ट वायरल कर दिए थे. इन पोस्ट को नस्लभेदी करार दिया गया था, जिसके बाद सामंत को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
रश्मि सामंत का मुद्दा संसद में भी उठा था. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने पिछले हफ्ते उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा था कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष को चुनाव जीतने के बाद भी पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया. यह औपनिवेशिक युग के नजरिए को दर्शाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि सामंत के हिंदू होने की वजह से भी उन्हें निशाना बनाया गया.
इसके जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर इस मुद्दे को संबंधित पक्ष के सामने उठाया जाएगा. जयशंकर ने आगे बोलते हुए कहा था कि हम नस्लवाद के मुद्दे पर चुप नहीं रह सकते. ब्रिटेन के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं, हम इस मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. मालूम हो कि रश्मि सामंत ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एनर्जी सिस्टम में एमएससी कर रही हैं. छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के कुछ दिनों बाद ही उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर एक अभियान चलाया गया. जिसके तहत उनके पुराने इंस्टाग्राम पोस्ट को शेयर करते हुए उन्हें नस्लभेदी तक बताया गया.
अपने साथ हुई साजिश से दुखी होकर रश्मि ने इस्तीफा दे दिया था और भारत लौट आई थीं. तनाव के कारण उन्हें कर्नाटक के उडुपी स्थित एक अस्पताल में तीन दिनों तक भर्ती करवाया गया था. रश्मि पर इस्लामोफोबिक, ट्रांसफोबिक होने के इल्जाम लगाए गए थे. ऑक्सफोर्ड के फैकल्टी सदस्य डॉ. अभिजीत सरकार ने तो एक तरह से रश्मि को हिंदू होने के लिए निशाना बनाते हुए कहा था कि वह कर्नाटक से आती हैं, जो इस्लामोफोबिक ताकतों का गढ़ रहा है.
पूरे मामले पर दुख प्रकट करते हुए रश्मि सामंत ने अपने ओपन लेटर में लिखा था कि अगर किसी को मेरी पोस्ट से तकलीफ पहुंची है, तो मैं माफी चाहती हूं. मैं हर किसी का सम्मान करती हूं. आने वाले समय में मैं यूनिवर्सिटी के हर स्टूडेंट से बात करूंगी और अपनी भावनाओं को उनके सामने रखूंगी. बता दें कि सामंत ने चुनाव में 3,708 मतों में से 1,966 मत हासिल कर शानदार जीत दर्ज की थी. उन्होंने कर्नाटक में मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की है.