14 साल पहले जर्मनी-फ्रांस मान गए होते यूक्रेन की ये बात, तो बूचा में नहीं होता नरसंहार
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14 साल पहले जर्मनी-फ्रांस मान गए होते यूक्रेन की ये बात, तो बूचा में नहीं होता नरसंहार

Russia Ukraine War News: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बूचा में हुए नरसंहार का जिम्मेदार जर्मनी की पूर्व नेता एंजेला मर्केल और फ्रांस के पूर्व नेता निकोलस सरकोजी को ठहराया है.

14 साल पहले जर्मनी-फ्रांस मान गए होते यूक्रेन की ये बात, तो बूचा में नहीं होता नरसंहार

कीव: रूसी सैनिकों ने यूक्रेन (Russia Ukraine War) की राजधानी कीव से सटे शहर बूचा में भीषण तबाही मचाई है. निर्दोष नागरिकों पर रूसी सैनिकों ने बेरहमी से हमला किया है. इस हमले की कई तस्वीरें सामने आई हैं. बूचा शहर (Bucha) में 400 से ज्यादा शव मिले हैं. बूचा में हुए नरसंहार के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने फ्रांस और जर्मनी के पूर्व नेताओं निकोलस सरकोजी और एंजेला मर्केल पर गुस्सा निकाला है. आइये आपको बताते हैं जेलेंस्की ने इस हमले के लिए इन नेताओं को क्यों जिम्मेदार ठहराया है. 

  1. बूचा में रूसी सैनिकों ने मचाई तबाही
  2. जेलेंस्की ने फ्रांस-जर्मनी के पूर्व नेताओं को घेरा
  3. रूसी सैनिकों ने बूचा में कई नागरिकों को मारा

मर्केल-सरकोजी बूचा नरसंहार के जिम्मेदार?

दरअसल, 2008 में रोमानिया के बुखारेस्ट में नाटो शिखर सम्मेलन हुआ था. हाल ही में इसकी 14वीं वर्षगांठ का आयोजन किया गया था. इसका जिक्र करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति ने याद दिलाया कि 2008 में जॉर्जिया और यूक्रेन को नाटो में शामिल करने की बात कही गई थी. लेकिन तब जर्मनी की एंजेला मर्केल और फ्रांस के निकोलस सरकोजी ने इसका विरोध किया था. तर्क दिया गया था कि ऐसा करने से रूस और व्लादिमीर पुतिन नाराज हो जाएंगे. यही कारण है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आज इन दोनों नेताओं को बूचा नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. 

जेलेंस्की के आरोपों पर एंजेला मर्केल ने क्या कहा?

जेलेंस्की के आरोपों पर एंजेला मर्केल ने कहा कि वह बुखारेस्ट में 2008 के नाटो शिखर सम्मेलन के संबंध में अपने फैसलों पर आज भी कायम हैं. इसके इतर उन्होंने यूक्रेन के साथ खड़े होने की बात भी कही. साथ ही कहा कि वो चाहती हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध खत्म हो जाए. वहीं, निकोलस सारकोजी ने जेलेंस्की के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

410 नागरिकों के शव मिले

याद दिला दें कि यूक्रेन में नागरिकों की जानबूझकर हत्या करने के सबूत सामने आने के बाद रूस को हर तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि 410 नागरिकों के शव राजधानी कीव के आसपास के शहरों में पाए गए, जिन्हें हाल के दिनों में रूसी सेना से फिर से कब्जे में लिया गया था. 

'यूक्रेन की लड़कियों से दरिंदगी कर रहे रूसी सैनिक'

यूक्रेनी सांसद लेसिया वासिलेंक ने सोमवरा को दावा किया था कि जिन बूचा में रूसी सैनिकों ने लड़कियों के साथ रेप किया और उनकी हत्या कर दी. रूसी सैनिकों ने लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर उनके शरीर पर स्वास्तिक के आकार के जलने के निशान भी बनाए. उन्होंने हैशटैग #StopGenocide #StopPutinNOW के साथ अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से रूसी सैनिकों के ज्यादती की कई तस्वीरें भी शेयर की हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'रूसी सैनिक लूटते हैं, बलात्कार करते हैं और मारते हैं.'

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