US Elections 2024: अगर डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस का चुनाव टाई हो गया तो क्या होगा?
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US Elections 2024: अगर डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस का चुनाव टाई हो गया तो क्या होगा?

US Presidential Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए उम्मीदवार का कम से कम 270 इलेक्टोरल वोट पाना जरूरी है. अगर डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस को बराबर वोट मिलते हैं तो क्या होगा?

US Elections 2024: अगर डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस का चुनाव टाई हो गया तो क्या होगा?

US President Election 2024: अमेरिका में नया राष्ट्रपति बनने के लिए मुख्‍य लड़ाई रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक कमला हैरिस के बीच है. तमाम सर्वे और अन्य अनुमानों के आधार पर 2024 में बेहद कांटे की टक्कर बताई जा रही है. इस बात का भी चांस है कि शायद ट्रंप और हैरिस के बीच मुकाबला टाई रहे. ऐसा तब होगा दोनों में कोई भी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट हासिल नहीं कर पाएगा.

अगर ट्रंप और हैरिस में टाई हुआ तो?

अमेरिकी में राष्ट्रपति का चुनाव टाई होने पर 'आकस्मिक चुनाव' कराए जाने की व्यवस्था है. 1800 के विवादित चुनाव के बाद लागू किए गए 12वें संशोधन के अनुसार, अगर किसी भी उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों का बहुमत नहीं मिलता है, तो नई कांग्रेस राष्ट्रपति का चुनाव करेगी. सीनेट उपराष्ट्रपति का चुनाव करेगी.

इसका मतलब है कि अगर चुनाव बराबरी पर खत्म होता है, ट्रंप और हैरिस को 269-269 इलेक्टोरल वोट मिलते हैं तो कांग्रेस तय करेगी कि अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा. सीनेट उपराष्ट्रपति के चयन का जिम्मा सीनेट पर होगा. सदन की बैठक 6 जनवरी, 2025 को होगी.

कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के मुताबिक, 'हर राज्य, चाहे उसकी जनसंख्या कितनी भी हो, आकस्मिक चुनाव में राष्ट्रपति के लिए एक ही वोट डालता है'. इसका मतलब है कि हर राज्य के कांग्रेस सदस्यों का समूह सबसे ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज वोटर वाले तीन उम्मीदवारों में से किसी एक को चुनेगा. राज्यों के बहुमत का समर्थन पाने वाला उम्मीदवार जीत जाएगा.

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बाद वाला चुनाव भी टाई हो जाए तो?

चूंकि अमेरिका में 50 राज्य हैं, इसलिए कांग्रेस में भी टाई होने की संभावना है. अगर कांग्रेस में राष्ट्रपति पद के लिए टाई होता है तो वोटिंग तब तक दोहराई जाती है जब तक कि एक उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिल जाता. हालांकि, स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर उद्घाटन के दिन तक कोई विजेता नहीं होता है, तो सीनेट द्वारा चुने गए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को पदभार ग्रहण करना होगा.

आकस्मिक चुनाव में, उपराष्ट्रपति का चुनाव सीनेट के फुल वोट से किया जाता है. हर सीनेटर सबसे अधिक इलेक्टोरल वोट पाने वाले दो उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में से किसी एक को अपना वोट देता है.

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