Donald Trump News: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पहले रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स अपने उम्मीदवारों का चयन करते हैं. हाल ही में आयोवा में शानदार जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप के हौसले बुलंद हैं, ऐसे में सवाल यह है कि क्या वो जो बाइडेन को हराने में कामयाब हो पाएंगे.
Trending Photos
Donald Trump Vs Joe Biden: उनके ऊपर दो बार महाभियोग लग चुका है, 2020 में सत्ता के हस्तांतरण में खलल डाली. इसके अलावा कई क्रिमिनल केस भी है. विरोधी तानाशाह होने का आरोप भी लगाते हैं. लेकिन फिर भी वो व्हाइट हाउस में वापसी कर सकते हैं. आप समझ ही गए होंगे की बात किसकी हो रही है. जी हां आप सही समझ रहे हैं. बात डोनाल्ड ट्रंप की हो रही है. रिपब्लिकन के दूसरे दावेदारों की तुलना में वो 40 फीसद प्वाइंट से आगे चल रहे हैं. रॉयटर्स इपसॉस पोल के मुताबिक रिपब्लिकन वोटर्स में ट्रंप का जलवा बरकार है जिनके बारे में तीन साल पहले सामान्य सी सोच बन गई थी कि अब उनका करियर खत्म हो चुका है.
ट्रंप ने हाल ही में क्रिमिनल चार्ज के बारे में अदालत से रहम की अपील की थी. उन्होंने यह कहा था कि जो भी आरोप हैं वो सब राजनीति से प्रेरित हैं. 15 जनवरी को शानदार जीत में वो अपनी पार्टी में दूसरे उम्मीदवारों के मुकाबले आगे निकल चुके हैं. आयोवा ने उनके नाम पर मुहर लगा दी. उस जीत का असर यह हुआ कि उनके दूसरे प्रतिद्वंदी फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डी सैंटिस ने खुद को मुकाबले से बाहर कर लिया है. अब सिर्फ निक्की हैली उन्हें चुनौती पेश कर रही हैं. अब 2024 में ट्रंप की जीत क्यों पक्की मानी जा रही है.उसके बारे में जानकारों ने चार वजहों का खास जिक्र किया है.
बाइडेन से वोटर्स खुश नहीं
जानकार कहते हैं कि जो बाइडेन बार बार यह दावा करते हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी है. ट्रंप ने जब गद्दी छोड़ी उस समय बेरोजगारी दर 6.3 फीसद था. लेकिन अब बेरोजगारी दर 3.7 फीसद है. यही नहीं अगर महंगाई दर की बात करें तो जून 2022 में यह आंकड़ा 9 फीसद के करीब था. हालांकि अब इसमें कमी आई है और दिसंबर में यह 3.4 फीसद पर था. ये बात अलग है कि अमेरिकी के ज्यादातर वोटर्स खासतौर से युवा बाइडेन के दावे से इत्तेफाक नहीं रखते. वो कहते हैं कि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है उसकी तुलना में वेज में इजाफा नहीं है. खासतौर से आवश्यक चीजों के दाम, कार, घर और बच्चों की देखभाल में होने वाले खर्च में इजाफा हुआ है. जब बाइडन अर्थव्यवस्था की बात करते हैं तो अमेरिकी नागरिक सोचते हैं उन्हें सीधे किस तरह से फायदा मिल रहा है.
बोलने की आजादी पर खतरा
आमतौर पर यह माना जाता है कि डेमोक्रेट्स सरकार में लोग खुलकर अपनी बात कह पाते थे. लेकिन बाइडन शासन में लोगों की सोच बदली है, ट्रंप भी बार बार कहते हैं कि इस सरकार में बोलने की आजादी कहां है. अमेरिका का समाज अलग अलग तबकों से मिलकर बना हुआ है. लेकिन मौजूदा सरकार खास विचार को थोप रही है. अमेरिकी लोग जब महंगाई के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज को दबाने की कोशिश होती है. यही नहीं सबसे बड़ा मुद्दा यूएस- मेक्सिको सीमा से माइग्रेंट्स का भी है. अमेरिकी लोगों का कहना है कि इसकी वजह से क्राइम रेट में इजाफा हुआ है. इस मामले में जबकि ट्रंप का रुख पहले से कठोर रहा है.
क्रिमिनल चार्ज लेकिन ट्रंप पापुलर
अब ये बात अलग है कि डेमोक्रेट्स, ट्रंप को अनफिट मानते हैं, लेकिन लाखों की संख्या में वोटर्स की राय अलग है. ट्रंप के समर्थक वोटर्स को यह समझाने में कामयाब होते नजर आ रहे हैं कि किस तरह से उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध में फंसाया जा रहा है. रॉयटर्स-इपसॉस के पोल में आधे से अधिक रिपब्लिकन समर्थक कहते हैं कि उन्हें ट्रंप को चुनने में किसी तरह की दिक्कत नहीं भले ही उन्हें क्रिमिनल केस में दोषी क्यों ना ठहराया जाए.
बाइडन के सामने कई चुनौती
जानकार कहते हैं कि ट्रम्प, बाइडन की खामियों को उजागर कर व्हाइट हाउस में एंट्री कर सकते हैं. बाइडन अब तक जनता को यह समझाने में नाकाम रहे हैं कि उनकी नीतियों से नौकरियों में इजाफा हुआ. या किसी भी नीति से अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी में बदलाव आया. वो उन विदेशी युद्धों से भी जूझ रहे हैं. जिसका असर अमेरिकियों की जिंदगी पर नजर आ रहा है. ट्रम्प का गैर-हस्तक्षेपवाद की सोच, अमेरिका पहले का संदेश वोटर्स को प्रभावित कर सकता है. हालांकि इसका अर्थ यह नहीं कि इससे ट्रंप के जीतने की गारंटी है. ट्रंप के भड़काऊ बयान जो राजनीतिक दुश्मनों से बदला लेने की धमकी तक की होती है. हालांकि डेमोक्रेट्स ने रिपब्लिकन को हराने के लिए गर्भपात अधिकारों के रक्षक के रूप में सफलतापूर्वक अभियान चलाया है और वे फिर से उस मुद्दे को अपने 2024 अभियान के केंद्र में बनाएंगे. इन सबके बावजूद ट्रम्प के पास व्हाइट हाउस में लौटने का बेहतर मौका है.