'मैं हिंदू हूं और मेरी आस्था ही मुझे US राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन तक लाई', विवेक रामास्वामी ने ऐसा क्यों कहा?
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'मैं हिंदू हूं और मेरी आस्था ही मुझे US राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन तक लाई', विवेक रामास्वामी ने ऐसा क्यों कहा?

US Presidential Election  2023: विवेक रामास्वामी बोले, 'मैं एक हिंदू हूं. मेरा मानना है कि सच्चा ईश्वर एक है. मेरा मानना है कि भगवान ने हममें से प्रत्येक को एक उद्देश्य के लिए यहां लाया है. उस उद्देश्य को साकार करना हमारा कर्तव्य है, नैतिक कर्तव्य है.' 

'मैं हिंदू हूं और मेरी आस्था ही मुझे US राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन तक लाई', विवेक रामास्वामी ने ऐसा क्यों कहा?

World News in Hindi: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के दावेदार विवेक रामास्वामी ने कहा कि उनका हिंदू धर्म उन्हें स्वतंत्रता देता है और यही उन्हें राष्ट्रपति अभियान के लिए प्रेरित करता है. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक शनिवार को द डेली सिग्नल प्लेटफॉर्म द्वारा आयोजित 'द फैमिली लीडर' फोरम में अपने विश्वास के बारे में बोलते हुए, विवेक रामास्वामी ने हिंदू धर्म और ईसाई धर्म की शिक्षाओं के बीच समानताएं बताईं और अगली पीढ़ी के लाभ के लिए साझा मूल्यों को बढ़ावा देने के अपने इरादे को साझा किया.

रामास्वामी ने कहा. ’आस्था ही है जो मुझे मेरी आजादी देती है. मेरी आस्था ही मुझे इस राष्ट्रपति अभियान तक लेकर आई...मैं एक हिंदू हूं. मेरा मानना है कि सच्चा ईश्वर एक है. मेरा मानना है कि भगवान ने हममें से प्रत्येक को एक उद्देश्य के लिए यहां रखा है. उस उद्देश्य को साकार करना हमारा कर्तव्य है, नैतिक कर्तव्य है. वे भगवान के उपकरण हैं जो विभिन्न तरीकों से हमारे माध्यम से काम करते हैं, लेकिन हम अभी भी समान हैं क्योंकि भगवान हम में से प्रत्येक में निवास करते हैं. यह मेरी आस्था का मूल है,''

मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि परिवार ही नींव है
रामास्वामी ने अपनी परवरिश के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ‘मैं एक पारंपरिक परिवार में पला-बढ़ा हूं. मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि परिवार ही नींव है. अपने माता-पिता का सम्मान करें. शादी पवित्र है. शादी से पहले संयम रखना ही रास्ता है. व्यभिचार गलत है. शादी एक पुरुष और एक महिला के बीच होती है. उन्होंने कहा, '' तलाक है वह प्राथमिकता नहीं है जिसे आप चुनते हैं...आप भगवान के सामने शादी करते हैं और आप भगवान और अपने परिवार के प्रति शपथ लेते हैं.'

ये भगवान के साझा मूल्य हैं
हिंदू और ईसाई धर्मों के बीच समानताएं दर्शाते हुए बायो-टेक उद्यमी ने कहा कि ये भगवान के ‘साझा मूल्य’ हैं, और वह उन साझा मूल्यों के लिए खड़े रहेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं क्रिश्चियन हाई स्कूल गया. हम क्या सीखते हैं? हमने 10 आज्ञाएं सीखीं. हमने बाइबल पढ़ी. भगवान वास्तविक है. एक सच्चा भगवान है. अपने माता-पिता का सम्मान करें. झूठ मत बोलो. चोरी मत करो. व्यभिचार मत करो. उस समय मैंने जो सीखा, वह कि वे मेरे परिचित मूल्य थे. वे हिंदुओं के नहीं हैं. लेकिन, वे ईसाइयों के भी नहीं हैं वे वास्तव में भगवान के हैं. और मुझे लगता है कि ये वे मूल्य हैं जो इस देश का आधार हैं.’

कौन हैं विवेक रामास्वामी?
38 वर्षीय विवेक रामास्वामी दक्षिण पश्चिम ओहियो के मूल निवासी हैं. उनकी मां एक मनोचिकित्सक थीं और उनके पिता जनरल इलेक्ट्रिक में इंजीनियर के रूप में काम करते थे. उनके माता-पिता केरल से अमेरिका गए थे.

रामास्वामी के राष्ट्रपति अभियान ने लोगों का खासा ध्यान आकर्षित किया है, और वह जीओपी प्राथमिक चुनावों में आगे बढ़े हैं, हालांकि समर्थन में वह अभी भी ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से पीछे हैं. अगला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर, 2024 को होना है.

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