Vladimir Putin China Visit: चीन जा रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन; यूक्रेन युद्ध के बाद पहला विदेश दौरा; आखिर क्यों?
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Vladimir Putin China Visit: चीन जा रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन; यूक्रेन युद्ध के बाद पहला विदेश दौरा; आखिर क्यों?

World news: यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia Ukraine War) से दुनिया पहले से सहमी थी कि हमास-इजरायल की जंग (Isralel Hamas War) से वैश्विक शांति पर नया खतरा मंडरा रहा है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन जा (Vladimir Putin China Visit) रहे हैं. क्या होगा शी जिनपिंग से मुलाकात का उनका एजेंडा आइए जानते हैं?

Vladimir Putin China Visit: चीन जा रहे रूसी राष्ट्रपति पुतिन; यूक्रेन युद्ध के बाद पहला विदेश दौरा; आखिर क्यों?

Russia China News: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) चीन जाने वाले हैं. वो बेल्ड एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (BRI) प्रोजेक्ट के एक दशक पूरा होने पर आयोजित हो रहे उस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जिसमें शामिल होने कई देशों के नेता पहुंच रहे हैं. चीन का विदेश मंत्रालय भी इस बात की पुष्टि कर चुका है, जिसके तहत कहा गया था कि चीन सरकार बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के साझएदारों से अगले पड़ाव की चर्चा करने और विकास के नए आयाम गढ़ने के लिए बीजिंग आ रहे डेलिगेशन का स्वागत करते हैं.' इस आयोजन में 130 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों को न्योता भेजा गया है. 

रूसी राष्ट्रपति के दौरे पर नजर

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वो इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. आपको बताते चलें कि यूक्रेन युद्ध के बाद ये पुतिन का पहला चीन दौरा है. मास्को की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके साथ रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी होंगे जो चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत करेंगे. बीजिंग ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक ऑफ चाइना (एक्ज़िमबैंक) से परियोजनाओं के लिए ऋण की शेष राशि अब कुल 2.2 ट्रिलियन युआन ($ 307.4 बिलियन) है. 

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यूक्रेन के साथ लंबे समय से युद्ध में उलझने की वजह से रूस के पास हथियारों की कमी है. चीन और रूस पारंपरिक रूप से मित्र देश हैं, ऐसे में पूरी दुनिया की नजर उनके इस दौरे पर है.

इटली का मोह टूटा!

आपको बताते चलें कि इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर करने वाले इटली ने पिछले महीने कहा था कि वो इस सौदे से बाहर निकलने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन की चाल को देर से समझने वाले लोग भी इस योजना के चक्कर में चीन के कर्ज में डूबने पर अब त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन अब उनके लिए बहुत देर हो चुकी है. तीर कमान से निकल चुका है. पाकिस्तान हो या श्रीलंका या फिर अफ्रीका महाद्वीप के कुछ देश चीन सबको अपने कर्ज की आड़ में दबाकर उनके संसाधन हड़पना चाहता है, जो देश चीन की फितरत को समझते हैं, वो उससे पर्याप्त दूरी बनाकर चलते हैं.

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