India at UN: ‘हमने इतिहास बनाया है लेकिन हम यहां नहीं रुकने वाले’- UN में भारत सरकार की इस योजना का बजा डंका
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India at UN: ‘हमने इतिहास बनाया है लेकिन हम यहां नहीं रुकने वाले’- UN में भारत सरकार की इस योजना का बजा डंका

UN News: यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत अपने प्राचीन ज्ञान और वैश्विक कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से प्रेरित है.

India at UN: ‘हमने इतिहास बनाया है लेकिन हम यहां नहीं रुकने वाले’- UN में भारत सरकार की इस योजना का बजा डंका

Akshaya Patra Initiative: संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत गरीबी मिटाने के  लिए साहसिक कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमारे आज के कार्य कल के कैनवास को चित्रित कर रहे हैं. यह उम्मीद की यात्रा है, बदलाव की यात्रा है.’

कंबोज ने कहा, ‘हम पहले ही इतिहास बना चुके हैं. उन 25 देशों में से जिन्होंने 15 वर्षों के भीतर अपनी बहुआयामी गरीबी को आधा कर दिया है. भारत ने 415 मिलियन से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है लेकिन हम यहीं नहीं रुक रहे हैं.’

हमारा मंत्र - वसुधैव कुटुंबकम
यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, ‘हमारा मंत्र, 'वसुधैव कुटुंबकम'- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य- हमारा मार्गदर्शन करता है.’ उन्होंने कहा,‘पिछले साल जी20 शिखर सम्मेलन में, हमने दुनिया के सामने अपनी विरासत फसल बाजरा का प्रदर्शन किया था.’  

कंबोज ने कहा,‘प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना पहल शून्य भूख की दिशा में एक बड़ी छलांग है. इसके तहत 1 मिलियन स्कूलों में 100 मिलियन से अधिक बच्चों का पोषण हो है, जिसमें बाजरा भी शामिल है, जो भूख के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में आगे बढ़ने का प्रतीक है.’

अक्षय पात्र योजना का जिक्र
यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि भारत अपने प्राचीन ज्ञान और वैश्विक कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से प्रेरित है और ‘अक्षय पात्र’ पहल इस प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ी है. अक्षय पात्र का लक्ष्य 2025 तक 3 मिलियन बच्चों को खाना खिलाना है.’

कंबोज ने कहा, ‘यह भूखों को खाना खिलाने से भी आगे जाता है। यह युवाओं को शिक्षित करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के बारे में है। भारत के प्रधान मंत्री ने हमारे महान महाकाव्यों का संदर्भ देते हुए एक बार कहा था कि उत्साह हमारी सबसे शक्तिशाली शक्ति है, फिर जब यह हमारे प्रतिबिंब और तर्क से संचालित होता है, तो यह उस व्यक्ति के लिए और भी शक्तिशाली हो जाता है. कोई भी चुनौती बहुत बड़ी नहीं होती है.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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