ओमिक्रॉन से बचा पाएगी वैक्सीन? WHO की चीफ साइंटिस्ट ने दिया इसका जवाब
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ओमिक्रॉन से बचा पाएगी वैक्सीन? WHO की चीफ साइंटिस्ट ने दिया इसका जवाब

ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खौफ के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने राहत वाली खबर दी है. उनका कहना है कि ओमिक्रॉन पर कोरोना वैक्सीन असरदार नजर आ रही हैं. डॉ स्वामीनाथन ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि टीका जल्द से जल्द लगवाएं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) का खौफ बढ़ता जा रहा है. दुनिया के कई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में भी अब तक ओमिक्रॉन के कई केस आ चुके हैं. ऐसे में यह बहस शुरू हो गई है क्या दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले इस वेरिएंट पर वैक्सीन कारगर है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने इसका जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि टीके अभी भी प्रभावी साबित हो रहे हैं. 

  1. WHO की मुख्य वैज्ञानिक हैं डॉ सौम्या स्वामीनाथन
  2. ओमिक्रॉन के मामले बढ़े, लेकिन ज्यादा गंभीर नहीं
  3. कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ने ज्यादा बरपा रहा कहर 

‘Vaccine गंभीर बीमारी से बचाएगी’

WHO वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) के अनुसार, भले ही कई देशों में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसकी गंभीरता नए स्तर तक नहीं पहुंची है. उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘जैसा कि अपेक्षित था, टी सेल की इम्यूनिटी Omicron के खिलाफ बेहतर है. यह हमें गंभीर बीमारी से बचाएगा. इसलिए कृपया टीका लगवाएं’. बता दें कि कोरोना के बढ़ते खतरे के बावजूद अभी भी बड़ी संख्या में लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है.

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कई Factors तय करते हैं प्रभावशीलता

स्वामीनाथन ने कहा कि वैक्सीन की प्रभावशीलता दो टीकों के बीच थोड़ी भिन्न होती है, हालांकि डब्ल्यूएचओ के सभी आपातकालीन लिस्टेड सूची के अधिकतर टीकों में सुरक्षा की उच्च दर होती है और टीका कम से कम डेल्टा वेरिएंट जैसी गंभीर बीमारी में मृत्यु से बचाता है. उन्होंने कहा कि बायोलॉजिकल फैक्टर (Biological Factors) भी एक टीके की प्रभावशीलता तय करते हैं. इनमें उम्र और बीमारियां शामिल हैं. 

Delta जितना जानलेवा नहीं!

चीफ साइंटिस्ट ने कहा कि आज दुनिया भर में संक्रमण की जो संख्या हम देख रहे हैं, वो बहुत अधिक है. क्योंकि ये संक्रमण टीकाकरण और बिना टीकाकरण वाले दोनों लोगों में हो रहे हैं. हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि टीके अभी भी सुरक्षात्मक साबित हो रहे हैं. क्योंकि कई देशों में बीमारी की गंभीरता नए स्तर तक नहीं बढ़ी है. गौरतलब है कि डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन एक बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहा है. हालांकि, कई एक्सपर्ट्स कह चुके हैं कि ओमिक्रॉन के पुराने वेरिएंट डेल्टा जितना जानलेवा होने की संभावना बेहद कम है.

इनपुट: ANI

 

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