नई दिल्ली: Shri Ramcharit Manas: तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस हिंदू धर्म की सबसे प्रमुख और लोकप्रिय रचना है. असल में यह महाकाव्य संस्कृत भाषा में लिखे गई रामायण का ही अवधी भाषा का रूप है. रामायण को संस्कृत काव्य की भाषा में लिखा गया जिसमें सर्ग और श्लोक होते हैं, जबकि रामचरित मानस के दोहो और चौपाइयों की संख्या अधिक है. यह भी माना जाता है कि जो लोग रोजाना रामचरितमानस के पाठ करते हैं, उनके ऊपर प्रभु श्री राम की कृपा बनी रहती है.
आज हम आपको रामचरितमानस के कुछ ऐसे दोहे और चौपाइयां बताने जा रहे हैं जिनमें व्यक्ति की हर समस्या का समाधान मिल सकती है.
रामायण की चौपाई का जाप कैसे करें?
यदि आप के जीवन में संघर्ष है या आपको किसी कार्य में बार-बार समस्या आ रही हो तो हर दिन सुबह पीले या फिर लाल रंग के आसन पर बैठकर तुलसी की माला से रामचरितमानस के चौपाई का कम से कम 108 बार जाप करें. आप नीचे दिए गए मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
श्रीरामचरित मानस की चौपाई
जा पर कृपा राम की होई ।
ता पर कृपा करहिं सब कोई ॥
जिनके कपट, दम्भ नहिं माया ।
तिनके हृदय बसहु रघुराया ॥
इस चौपाई का अर्थ है जिन पर प्रभु श्री राम की कृपा बरसती है, उस व्यक्ति को सांसारिक दुख छू भी नहीं सकते. भगवान राम केवल उन्हीं लोगों के हृदय में वास करते हैं जिनके अंदर कपट, झूठ और माया नहीं होती.
श्रीरामचरित मानस की चौपाई
हरि अनंत हरि कथा अनंता।
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥
रामचंद्र के चरित सुहाए।
कलप कोटि लगि जाहिं न गाए॥
इस चौपाई में तुलसीदास जी कहते हैं कि प्रभु श्री राम अर्थात ईश्वर अनंत है न उनका कोई आदि है और न ही अंत. किसी भी मनुष्य द्वारा भगवान श्री राम के सुंदर चरित्र को कोई व्यक्त नहीं किया जा सकता.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)