क्यों बांधा जाता है हाथ में कलावा, जानें वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व, ये हैं पहनने और उतारने के नियम

Kalava: हिंदू धर्म में कलावा बांधने की परंपरा दशकों से चली आ रही है.  किसी भी मांगलिक कार्य में कलावा का विशेष महत्व है. चलिए बताते हैं इसके वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व के बारे में.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 11, 2024, 03:08 PM IST
  • कलावा बांधने और उतारने के नियम
  • शास्त्रों में कलावा का है बेहद महत्व
क्यों बांधा जाता है हाथ में कलावा, जानें वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व, ये हैं पहनने और उतारने के नियम

नई दिल्ली:Kalava: कलावा सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं होता है. इसके बांधने के वैज्ञानिक तौर पर भी कई लाभ होते हैं. शास्त्रों में कलावा पहनने और उतारने के कई नियम हैं. इन नियमों का ध्यान रखा जाए तो कई समस्याओं से बच सकता है. आइए जानते हैं नियम. 

कलावे का जानें महत्व

हिंदू धर्म में कलावे को रक्षा सूत्र माना गया है.  ऐसी मान्यता है कि किसी भी पूजा के बाद कलावा बांधने से ईश्वर की पूर्ण कृपा और आशीर्वाद हमें मिलता है और वह हमारी रक्षा करते हैं.  वहीं, कलावे का लाल रंग सकारात्मक ऊर्जा (पॉजिटिव एनर्जी) को आकर्षित करती है. इसलिए कलावा शरीर और मस्तिष्क के लिए अच्छा माना जाता है.

कलावा बांधने के ये होते हैं नियम

शास्त्रों में बताया गया है कि किस हाथ में कलावा बांधना शुभ और अशुभ होता है. मान्यता हैं कि पुरुषों और कुंवारी लड़कियों को दाहिने हाथ में कलावा बांधना चाहिए. जबकि विवाहित महिलाओं का बांए हाथ में कलावा बांधना शुभ होता है. शास्त्रो के अनुसार जिस हाथ में आप कलावा बांधवा रहे होते हैं, हमेशा उस हाथ में सिक्का या रुपया को मुट्ठी रखना चाहिए. उसके बाद दूसरे हाथ को सिर पर रखना होता है. हाथ में 3, 5 या 7 बार कलावा लपेटा जाता है.  बंधने के बाद दक्षिणा बांधने वाले व्यक्ति को दे दी जाती है.

कलावा उतारने के नियम

शास्त्रों के अनुसार हाथ में बांधा हुआ कलावा मंगलवार और शनिवार के दिन ही उतरना चाहिए.  इसे खोलने के बाद पूजा घर में ही बैठकर दूसरा कलावा बांध कलाई पर बांध लेना चाहिए. हाथ से कलावा उतारने के बाद इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या फिर किसी बहते पानी में प्रवाहित कर देने शुभ होता है.

जानें पौराणिक महत्व

कलावे  को लेकर पौराणिक कहानियां भी हैं. कहा जाता है कि भगवान विष्णु के वामन अवतार में सामने आने के बाद राजा बलि ने उनसे अपने साथ पाताल लोक में रहने की विनती की थी.  जिसके बाद भगवान विष्णु पाताल में ही रहने लगे थे. तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि के हाथ में कलावा बांधकर उन्हें भाई बनाया था.  इसके बाद अपने भाई से भगवान विष्णु को वापस मांग लिया था. 

जानें वैज्ञानिक फायदे

कलावा बांधने का वैज्ञानिक फायदा भी होता हैं. विज्ञान के मुताबिक कलाई में कई तरह की नसें होती हैं और कलावा बांधने से इन नसों पर नियंत्रण बना रहता है. इसके कारण ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हृदय गति पर भी कंट्रोल रहता है.

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