नई दिल्ली: January 2024 Pradosh Vrat Date: प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी मनाते है. प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है. त्रिदेवों में से एक महादेव हैं. सोमवार और प्रदोष तिथि भगवान शिव समर्पित किया जाता हैं. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है.
हर माह दो प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो प्रदोष व्रत होती है. एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्रत. मान्यता के अनुसार, यदि कोई प्रदोष व्रत को सच्चे मन से करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. प्रदोष व्रत पर भगवान शिवजी की पूजा शाम के समय की जाती है. आइए जानते हैं जनवरी 2024 में प्रदोष व्रत कब है और क्या है इसका महत्व है.
प्रदोष व्रत का डेट दिन पक्ष
09 जनवरी 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
23 जनवरी 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
07 फरवरी 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
21 फरवरी 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
08 मार्च 2024 शुक्रवार भृगुवार प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
22 मार्च 2024 शुक्रवार भृगुवार प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
06 अप्रैल 2024 शनिवार शनि प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
21 अप्रैल 2024 रविवार रवि प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
05 मई 2024 रविवार रवि प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
20 मई 2024 सोमवार, सोम प्रदोष व्रत. शुक्ल पक्ष
04 जून 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
19 जून 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
03 जुलाई 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
18 जुलाई 2024 गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
01 अगस्त 2024 गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
17 अगस्त 2024 शनिवार शनि प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
31 अगस्त 2024 शनिवार शनि प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
15 सितंबर 2024 रविवार रवि प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
29 सितंबर 2024 रविवार रवि प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
15 अक्टूबर 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
29 अक्टूबर 2024 मंगलवार भौम प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
13 नवंबर 2024 बुधवार सौम्यवारा प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
28 नवंबर 2024 गुरुवार गुरु प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
13 दिसंबर 2024 शुक्रवार भृगुवार प्रदोष व्रत, शुक्ल पक्ष
28 दिसंबर 2024 शनिवार शनि प्रदोष व्रत, कृष्ण पक्ष
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. अब भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना कर व्रत का संकल्प लें. मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें. उसके बाद भगवान शिव की तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद ॐ नमः शिवाय' की मंत्रों का जाप 21 बार करें. आरती करें और भोग लगाएं अंत में प्रसाद का बाटें दें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)