Shaligram: शालिग्राम पत्थर की पूजा के वक्त इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकती हैं ये परेशानी

शालिग्राम पत्थर साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप है. इसलिए धन की देवी मां लक्ष्मी इससे काफी खुश होती हैं और भक्तों की गरीबी को दूर कर उनके घर में बरक्कत लाती हैं

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 23, 2022, 07:29 AM IST
  • जानिए क्या है शालिग्राम पत्थर को रखने की उचित विधि
  • शालिग्राम की पूजा के समय इन बातों का रखें ध्यान
Shaligram: शालिग्राम पत्थर की पूजा के वक्त इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकती हैं ये परेशानी

नई दिल्ली: ऐसी मान्यता है कि शालिग्राम पत्थर साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप है. इसलिए धन की देवी मां लक्ष्मी इससे काफी खुश होती हैं और भक्तों की गरीबी को दूर कर उनके घर में बरक्कत लाती हैं. शालिग्राम नाम का पत्थर होता है, जिसे तुलसी के पौधे में जड़ के पास रखना चाहिए. ऐसी मान्यताएं हैं कि तुलसी के पौधे के साथ ही शालिग्राम की रोजाना पूजा करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं.

शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग तुलसी के साथ-साथ शालिग्राम पत्थर की भी रोजाना पूजा करते हैं, उस घर से दरिद्रता कोसों दूर रहती है. इतना ही वहीं घर-परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है.

जानिए क्या है शालिग्राम पत्थर को रखने की उचित विधि

पत्थर के स्वरूप में धरती पर रह रहे भगवान विष्णु शालिग्राम के रूप को तुलसी के साथ विवाह करने से घर में व्याप्त धन की कमी, क्लेश, कष्ट और रोग भी दूर हो जाते हैं.

शालिग्राम को तुलसी के साथ रखने के साथ ही घर के किसी पवित्र स्थान या मंदिर में भी स्थापित किया जा सकता है. जहां आप शालिग्राम की विधिवत पूजा कर सकें.

शालिग्राम पत्थर कई प्रकार के होते हैं. जिनमें शंख, गदा या चक्र जैसे चिह्न बने होते हैं.

शालीग्राम की शिलाएं मुख्य रूप से नेपाल में बहने वाली गंडकी नदी में पाई जाती हैं. मान्यता अनुसार गंडकी नदी को तुलसी का रूप माना जाता है. इसी वजह से इस नदी में शालिग्राम का यानी भगवान विष्णु का वास होता है.

शालिग्राम की पूजा के समय इन बातों का रखें ध्यान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शालिग्राम भगवान की पूजा बहुत ही नियमों के साथ करनी चाहिए अन्यथा घर में अशांति और बर्बादी आती है.

यदि आपने शालिग्राम को घर के मंदिर में स्थापित कर रखा है, तो उसमें रोज तुलसी दल या तुलसी की पत्तियां अर्पित करें.

ऐसी मान्यता है कि तुलसी विष्णु प्रिया हैं और विष्णु जी को तुलसी अर्पित करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शालीग्राम की पूजा में तुलसी का पत्ता भगवान शालीग्राम के ऊपर चढ़ाने से धन, वैभव मिलता है.

एक से अधिक शालिग्राम रखने से बिहार में आर्थिक संकट व बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए शालिग्राम की एक ही शिला की भक्ति भाव से घर में पूजा करनी चाहिए.

इसकी पूजा के लिए हमेशा घर सुथरा रखें और इसे विष्णु जी की तस्वीर या प्रतिमा के पास रखें.

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कभी भी शालिग्राम की पूजा करते समय या शालिग्राम की शिला घर में रखते समय मांस -मदिरा का सेवन न करें. यदि व्यक्ति ऐसा करता है तो निश्चित ही धन हानि और लड़ाई झगडे बढ़ते हैं.

मान्यता है कि यदि घर में शालिग्राम हैं तो उनकी नियमित पूजा होनी चाहिए. वैसे एक मान्यता है कि घर के पुरुष ही शालिग्राम की पूजा कर सकते हैं, लेकिन पुरुषों की अनुपस्थिति में स्त्रियां भी शालिग्राम भगवान् की पूजा कर सकती हैं.

Note: इस खबर में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. जी हिंदुस्तान इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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