चीन का दौरा कर सकते हैं पीएम मोदी, दिल्ली में एक्टिव हुए बीजिंग के अफसर, पटरी पर आने वाले हैं दोनों देशों के रिश्ते?

चीनी सरकार उम्मीद कर रही है कि पीएम मोदी अगले साल शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने के लिए बीजिंग आ सकते हैं. वहीं बीते महीने पाकिस्तान में SCO की बैठक हुई थी, जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे.  

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Nov 12, 2024, 08:57 AM IST
  • चीन का दौरा कर सकते हैं पीएम मोदी
  • पटरी पर आएंगे भारत-चीन के रिश्ते?
चीन का दौरा कर सकते हैं पीएम मोदी, दिल्ली में एक्टिव हुए बीजिंग के अफसर, पटरी पर आने वाले हैं दोनों देशों के रिश्ते?

नई दिल्ली: भारत और चीन दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. बीते महीने रूस के कजान शहर में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्तालाप हुई थी. वहीं उससे पहले भारत और चीन ने LAC पर पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए अपने-अपने देश की सेना को पीछे हटाने पर भी सहमति बनाई थी. अब देखना ये है कि क्या आने वाले समय में दोनों देश अपने रिश्ते में सुधार लाने के लिए और कोई कदम उठाएंगे? 

चीन जा सकते हैं पीएम मोदी 
'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट की मानें तो पीएम मोदी अगले साल चीन में आयोजित होने वाले SCO बैठक में शामिल होने के लिए बीजिंग जा सकते हैं. नई दिल्ली स्थिति चीनी दूतावास के अधिकारियों ने बीते दिनों इंडियन मीडिया के साथ बातचीत में ये बातें कहीं. रिपोर्ट के अनुसार LAC पर स्थिति में सुधार होने के बाद दोनों देशों के बीच सीधी फ्लाइट, कई मोबाइल एप्प पर लगे बैन, चीनी नागरिकों को वीजा देने, चीनी सिनेमाघरों में अधिक भारतीय फिल्मों को लगाने और चीनी पत्रकारों को भारत आकर रिपोर्ट करने की अनुमित देने को लेकर बातचीत चल रही है. 

SCO बैठक में होंगे शामिल 
रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सरकार उम्मीद कर रही है कि पीएम मोदी अगले साल शंघाई सहयोग संगठन में शामिल होने के लिए बीजिंग आ सकते हैं. वहीं बीते महीने पाकिस्तान में SCO की बैठक हुई थी, जिसमें भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे. चीनी अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हैं. दोनों देश इसके लिए बातचीत भी कर रहे हैं. 

रिश्ते को महत्व क्यों दे रहा चीन? 
बता दें कि चीनी अर्थव्यवस्था इन दिनों गिरावट की स्थिति से गुजर रही है. वहां विकास दर लगातार गिर रही है. इसके अलावा डिमांड में कमी भी चीन की सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने कई चीनी चीनी प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है. ऐसे में चीन अपनी इकोनॉमी में गति लाने के लिए प्रोत्साहन पैकेज दे रहा है. बता दें कि भारत इस वक्त चाईनीज प्रोडक्ट का एक सबसे बड़ी खरीददार देश है. ऐसे में चीन की मजबूरी है कि वे किसी भी तरह भारत के साथ अपने रिश्ते को पटरी पर लाए.  

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