मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत के कातिलों की खटिया खड़ी करने वाली पंगा गर्ल के दफ्तर में तोड़फोड़ करना उद्धव सरकार और BMC को भारी पड़ सकता है. उद्धव सरकार की बॉम्बे हाई कोर्ट में बहुत बड़ी हार हुई है. तोड़फोड़ की कार्रवाई पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक के आदेश जारी कर दिए हैं.
हाई कोर्ट में उद्धव सरकार की बड़ी हार
BMC ने कंगना रनौत के दफ्तर पर बुल्डोजर चलाया और तोड़फोड़ की तो हाई कोर्ट ने उद्धव सरकार और BMC की इस कार्रवाई पर लताड़ लगाते हुए सवाल पूछा है कि रोक के बावजूद BMC ने तोड़फोड़ की कार्रवाई कैसे की? इसके साथ ही तोड़फोड़ पर हाईकोर्ट ने BMC से जवाब भी मांगा है.
आपको बता दें, बॉम्बे हाईकोर्ट ने किसी भी तोड़फोड़ की कार्रवाई पर 30 सितंबर तक रोक लगाई गई है. ऐसे में BMC ने कंगना के दफ्तर पर जो कार्रवाई की है वो पूरी तरह से अवैध और कोर्ट के आदेश के खिलाफ है.
जब कंगना ने ले लिया उद्धव सरकार से पंगा
कंगना ने 'पंगा' ले लिया है, ऐसा वैसा नहीं, बड़ा वाला.. वो भी महाराष्ट्र की उद्धव सरकार से, उद्धव ठाकरे की शिवसेना से. लेकिन इस 'पंगे' का अंजाम क्या होगा, वो तो आने वाला वक्त बताएगा. लेकिन फिलहाल कंगना उद्धव सरकार से आर-पार के मूड में हैं. मुंबई रवाना होने से पहले कंगना ने जो ट्वीट किया वो काफी कुछ कहता है.
कंगना ने ट्वीट कर कहा, "रानी लक्ष्मीबाई के साहस, शौर्य और बलिदान को मैंने फ़िल्म के जरिए जिया है. दुख की बात यह है मुझे मेरे ही महाराष्ट्र में आने से रोका जा रहा है. मैं रानी लक्ष्मीबाई के पद चिन्हों पर चलूंगी ना डरूंगी, ना झुकूंगी. गलत के ख़िलाफ़ मुख़र होकर आवाज़ उठाती रहूंगी, जय महाराष्ट्र, जय शिवाजी."
कंगना के तेवर बता रहे हैं कि वो ना किसी से डरने वाली हैं और ना ही किसी के आगे झुकने वाली हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में उनके परिजनों के साथ खड़ी होने वाली कंगना ने मुंबई पुलिस पर, महाराष्ट्र सरकार की नीयत पर गंभीर सवाल उठाए. यही नहीं कंगना ने मुंबई की तुलना पीओके से करते हुए मुंबई पुलिस को माफिया करार दिया. जिसके बाद शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कंगना को लेकर विवादित बयान दिया और उन्हें मुंबई ना आने की चेतावनी दे डाली. यहीं से शिवसेना और कंगना का पंगा शुरू हो गया.
कंगना ने महाराष्ट्र सरकार को दे डाली चुनौती
सुशांत केस को लेकर महाराष्ट्र सरकार से उलझने वाली कंगना के खिलाफ अब गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं. अभिनेता अध्ययन सुमन के एक इंटरव्यू के आधार पर कंगना के ड्रग्स कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि वह कंगना के ड्रग कनेक्शन की जांच करेगी. सूबे के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इसकी पुष्टि की है. महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर कंगना ने भी चुनौती दे डाली है.
कंगना ने कहा, "मैं मुंबई पुलिस और गृह मंत्री अनिल देशमुख का आभार जताती हूं. कृपया मेरे ड्रग टेस्ट, मेरे कॉल रिकॉर्ड की जांच करें. यदि आपको ड्रग पेडलर्स के साथ कभी कोई लिंक मिलता है तो मैं अपनी गलती स्वीकार करूंगी और हमेशा के लिए मुंबई छोड़ दूंगी."
'पंगा' इतना ही नहीं है, महाराष्ट्र सरकार कंगना के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गई है. कंगना के पाली हिल स्थित आलीशान दफ्तर पर शिवसेना के नेतृत्व वाली बीएमसी अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई कर रही है. मुंबई पहुंचने पर कंगना को क्वारंटीन करने की बात कर रही है यानि कंगना और महाराष्ट्र सरकार का 'पंगा' बढ़ता जा रहा है.
शिवसेना को खुलकर चैलेंज कर रही हैं कंगना
धमकियों और चेतावनी के बीच कंगना को केंद्र सरकार ने Y कैटिगिरी की सुरक्षा दी है और सीआरपीएफ की टीम ने कंगना को सुरक्षा घेरे में ले लिया है. इसे लेकर भी शिवसेना हमलावर है और कंगना को सुरक्षा देने पर सवाल उठा रही है. वहीं कंगना खुलकर शिवसेना को चैलेंज कर रही हैं.
इस बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए कंगना को फिर से निशाने पर लिया है. सामना के संपादकीय में कंगना को बेईमान बताया गया है. सामना में लिखा है कि "मुंबई की तुलना ‘पाक अधिकृत’ कश्मीर से करना और मुंबई पुलिस को माफिया आदि बोलकर खाकी वर्दी का अपमान करना बिगड़ी हुई मानसिकता के लक्षण हैं. महाराष्ट्र की 11 करोड़ मराठी जनता और मुंबई का अपमान मतलब देशद्रोह जैसा अपराध प्रतीत होता है. ‘मुंबाई’माता का अपमान करने वालों के नाम महाराष्ट्र के इतिहास में डामर से लिखे जाएंगे, बेईमान कहीं के!"
साफ है कि कंगना और शिवसेना का पंगा वक्त बीतने के साथ बड़ा होता जा रहा है. देखना ये है कि अभी ये क्या-क्या मोड़ लेता है.
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