नई दिल्ली: भारत में कई छद्म बुद्धिजीवियों और डिजाइनर पत्रकारों का एक ऐसा वर्ग है जो केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीचा दिखाने के लिए देश को भी नहीं छोड़ता. विनोद दुआ भी इसी गिरोह के सदस्य हैं. अजय श्याम नामक व्यक्ति ने विनोद दुआ पर आरोप लगाया था कि दुआ ने अपने यूट्यूब शो के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोटबैंक की राजनीति के लिए मौत और आतंकी हमलों का इस्तेमाल करने का झूठा दावा किया. इस मामले की जांच करते हुए हिमांचल प्रदेश पुलिस ने उन पर देशद्रोह लगा दिया. उसके खिलाफ जब विनोद दुआ सुप्रीम कोर्ट गए तो वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी और अदालत ने उनकी गिरफ्तार पर 6 जुलाई तक रोक तो लगा दी लेकिन देशद्रोह का केस हटाने से इनकार कर दिया.
6 जुलाई तक गिरफ्तारी पर रोक
झूठे और भ्रम फैलाने वाली बातें करने के लिए हिमांचल पुलिस ने कथित पत्रकार विनोद दुआ पर देशद्रोह का केस दर्ज किया था. सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को पत्रकार विनोद दुआ पर लगे देशद्रोह के केस पर विशेष सुनवाई की. कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश की पुलिस को आदेश दिया कि दुआ को 6 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. हालांकि, इस दौरान पुलिस जांच जारी रख सकती है. जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एमएम शांतनागौदर और जस्टिस विनीत शरण की बेंच ने कहा कि विनोद दुआ को इस दौरान जांच में सहयोग करना होगा.
SC issues notice to Union of India, and the state of Himachal Pradesh and has sought a detailed reply on veteran journalist Vinod Dua's petition. SC gives 2 weeks notice to file responses; further hearing in the matter scheduled on July 6. https://t.co/3SSEka1U0G
— ANI (@ANI) June 14, 2020
कई मुद्दों पर गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप
विनोद दुआ पर कई दिनों से झूठी और गलत रिपोर्टिंग करने का आरोप लग रहा था. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर कई गलत तथ्यों का प्रयोग करके झूठी बातें प्रचारित की थी. भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया. नवीन ने आरोप लगाया है कि विनोद दुआ ने फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों पर गलत रिपोर्टिंग की. इसकी वजह से लोगों में भ्रम की स्थिति बन गयी थी. गौरतलब है कि भारत में राष्ट्रवादी विचारधारा के खिलाफ अधिकतर समय वामपंथी झूठ फैलाकर समाज में साम्प्रदायिक तनाव बढाते हैं.
क्लिक करें- नेपाल के विवादित नक्शे पर भारत की प्रतिक्रिया, 'किसी भी हाल में मान्य नहीं'
विनोद दुआ ने जांच रोकने की मांग की थी
आपको बता दें कि पत्रकार विनोद दुआ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ चल रही जांच रोकने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने विनोद दुआ की ओर से की गई जांच को रोके जाने की मांग को खारिज कर दिया. कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने केंद्र सरकार और हिमाचल प्रदेश की सरकार को नोटिस जारी करके विस्तृत उत्तर मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को होगी.