नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने कोरोना काल में परीक्षा आयोजित करने के विषय में महत्वपूर्ण आदेश दिया है. देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज की फाइनल ईयर परीक्षाओं को लेकर यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी की अनुमति के बिना राज्य एग्जाम रद्द नहीं कर सकते. अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किया जा सकता है.
UGC का सर्कुलर सही- सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court says students cannot be promoted without University final year exams. https://t.co/Ko55nKaczS
— ANI (@ANI) August 28, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य महामारी को ध्यान में रखते हुए परीक्षा स्थगित कर सकते हैं लेकिन उन्हें यूजीसी के साथ सलाह मशविरा करके नई तिथियां तय करनी होंगी. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि परीक्षाएं आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किया जा सकता. राज्यों को 30 सितंबर तक एग्जाम कराने होंगे. न्यायालय ने कहा कि जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी.
UGC ने 30 सितंबर तक परीक्षाएं कराने को कहा था
आपको बता दें कि यूजीसी ने छह जुलाई को देशभर के विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करने का निर्देश दिया था. उसने कहा था कि अगर परीक्षाएं नहीं हुईं तो छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. यूजीसी की इस गाइडलाइंस को देश भर के कई छात्रों और संगठनों ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी.
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कोरोना काल में परीक्षाएं नहीं कराना चाहतीं थी कई राज्य सरकारें
उल्लेखनीय है कि याचिकाओं में कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षाएं करवाना छात्रों की सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है. इससे पहले यूजीसी ने शीर्ष अदालत को बताया था कि विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को कोविड-19 महामारी के बीच फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित कराने के संबंध में छह जुलाई को जारी निर्देश कोई फरमान नहीं है, लेकिन परीक्षाओं को आयोजित किए बिना राज्य डिग्री प्रदान करने का निर्णय नहीं ले सकते.