ACB ने देविका रानी और नागा लक्ष्मी से जब्त की 4.47 करोड़ की अघोषित धनराशि

दोनों आरोपी अधिकारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 6 आवासीय फ्लैट और लगभग 15,000 वर्ग फुट की व्यावसायिक जगह खरीदने के लिए इस बेहिसाब धन का निवेश किया था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 2, 2020, 12:23 AM IST
    • पिछले साल सितंबर में एसीबी ने तत्कालीन निदेशक देविका रानी और छह अन्य लोगों को किया था गिरफ्तार
    • देविका रानी ने अनधिकृत फर्मों से ड्रग्स और सर्जिकल किट खरीदकर कई करोड़ रुपये डकार लिए
ACB ने देविका रानी और नागा लक्ष्मी से जब्त की 4.47 करोड़ की अघोषित धनराशि

हैदराबादः तेलंगाना में हुए ईएसआई घोटाले मामले में गिरफ्तार देविका रानी और उनकी सहयोगी नागा लक्ष्मी से ACB ने बड़ी नगदी हासिल की है. तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने  इंश्योरेंस मेडिकल सर्विसेज (IMC) की पूर्व निदेशक रहीं देविका रानी व नागा लक्ष्मी से 4.47 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. सामने आया है कि इस रकम  को साइबराबाद क्षेत्र में वाणिज्यिक और आवासीय स्थान खरीदने के लिए निवेश किया गया था. 

6 आवासीय फ्लैट, 15000 वर्गफुट जमीन खरीदी
जानकारी के मुताबिक, देविका रानी ने फर्जी मेडिकल बिल के जरिए सरकार से 9 करोड़ रुपये का गबन किया था. वहीं फार्मासिस्ट नागा लक्ष्मी ने संपत्ति खरीदने के लिए 72 लाख रुपये का भुगतान किया था. ACB ने कहा, दोनों आरोपी अधिकारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 6 आवासीय फ्लैट और लगभग 15,000 वर्ग फुट की व्यावसायिक जगह खरीदने के लिए इस बेहिसाब धन का निवेश किया था. 

जमानत पर हैं दोनों आरोपी
सामने आया है कि देविका रानी ने बेनामी संपत्ति में 22 लाख रुपये का निवेश किया था. जांच एजेंसी ने संपत्ति खरीदने के लिए चेक और ऑनलाइन स्थानांतरण के माध्यम से भुगतान किए गए 2.29 करोड़ रुपये की पहचान की.

देविका और नागा लक्ष्मी इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुकी हैं और इस वक्त जमानत पर रिहा हुई हैं. सितंबर 2019 से ही इस मामले में जांच जारी है. 

पिछले साल सितंबर में हुई थीं गिरफ्तार
पिछले साल सितंबर में एसीबी ने तत्कालीन निदेशक देविका रानी और छह अन्य लोगों को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना के तहत औषधालयों और अस्पतालों को दवाओं की आपूर्ति में घोटाले में गिरफ्तार किया था. देविका रानी ने अनधिकृत फर्मों से ड्रग्स और सर्जिकल किट खरीदकर कई करोड़ रुपये डकार लिए.  राज्य सरकार के निर्देशों के बाद इस घोटाले की जांच शुरू की थी. 

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