Bengal Chunav 2021: ममता दीदी की चोट पर टीएमसी का 'खोट', EC के सामने क्यों लिया यू-टर्न?

ममता की चोट पर सियासी घमासान करने वाली टीएमसी अब हकीकत का सामना नहीं कर पा रही है. चुनाव आयोग ने उसकी रिपोर्ट को अधूरा बताया है, तो बीजेपी ने चुनाव आयोग से चोट लगने के वक्त का रॉ सीसीटीवी वीडियो जारी करने की मांग की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 13, 2021, 06:09 PM IST
  • पहले सियासी हमला, रिपोर्ट में मारी पलटी
  • राज्य सरकार की रिपोर्ट को EC ने बताया अधूरा
Bengal Chunav 2021: ममता दीदी की चोट पर टीएमसी का 'खोट', EC के सामने क्यों लिया यू-टर्न?

कोलकाता: बंगाल के चुनावी समर का सबसे चर्चित ममता की चोट का मामला (Mamata Banerjee Injured Case) क्या ममता सरकार के लिए खुद गले की फांस बनता जा रहा है? क्योंकि इलेक्शन कमीशन (election commission) को भेजी गई ममता सरकार के मुख्य सचिव की रिपोर्ट आधी-अधूरी है, जिससे इलेक्शन कमीशन भी संतुष्ट नहीं है और फिर राज्य सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी गई है.

बंगाल सरकार का यू-टर्न

पहले सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की तरफ से इस चोट को हमला और साजिश बताया गया, बीजेपी पर आरोप लगाए गए. लेकिन जब आधिकारिक रिपोर्ट सौंपने की बारी आई तो राज्य सरकार मुकर गई.

रिपोर्ट में इसे ना तो दुर्घटना और ना ही हमला बताया गया है. चुनाव आयोग (EC) ने पूछा कि दरवाजा किसी ने बंद किया या दुर्घटना हुई, अगर दरवाजा किसी ने बंद किया तो किसने किया? रिपोर्ट में दुर्घटना या हमले का जिक्र नहीं किया गया. रिपोर्ट में किसी पिलर का जिक्र नहीं किया गया है.

ममता का 'चोट पर यू-टर्न'

1. ममता बनर्जी पर हमला हुआ, दीदी ने पहले सियासी हमला बताया. रिपोर्ट में पलटी मार ली और कहा गया कि हमले के कोई संकेत नहीं.

2. पहले सियासी हमला करार देते हुए कहा गया कि चार-पांच लोगों ने धक्का मारा, रिपोर्ट में पलटी मारी और कहा गया कि गाड़ी के दरवाजे से चोट लगी.

3. पहले सियासी हमला करार देते हुए इस घटना को ममता के खिलाफ विपक्षी साजिश बताया गया, रिपोर्ट में पलटी मारी गई और कहा गया कि घटना कैसे घटी जानकारी नहीं

4. पहले सियासी हमला करार देते हुए घटना जानबूझ कर अंजाम दी गई, रिपोर्ट में मारी पलटी मारी गई और कहा गया कि हो सकता है अचानक हुआ, जांच जारी है

5. पहले सियासी हमला करार देते हुए ममता ने कहा पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था, रिपोर्ट में मारी पलटी मारी गई और कहा गया घटना के वक्त 20 पुलिसकर्मी मौजूद थे

ममता सरकार के इस यू टर्न से इलेक्शन कमीशन भी नहीं समझ पा रहा कि आखिर ममता सरकार कहना क्या चाहती है? लेकिन चुनाव आयोग तक रायता फैलाकर टीएमसी के नेताओं ने ममता की चोट पर सियासत और सहानुभूति वाले ड्रामा से माइलेज लेने की कोशिश की.

ममता का सहानुभूति ट्रिक?

बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता पर हमला किया और कहा कि TMC में ना स्टार बचे हैं ना प्रचारक, ममता बनर्जी की पार्टी टूट रही है. खंभे से टकराकर ममता के पैर में चोट लगी. सहानुभूति के लिए ममता बनर्जी नए पैंतरे अपना रही है.

ममता बनर्जी 15 मार्च से दोबारा प्रचार शुरू करेंगी. सोमवार को वो पुरुलिया में जनसभा करेंगी. 17 मार्च को झारग्राम में ममता बनर्जी प्रचार करेंगी.

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दीदी के सिपहसालारों ने चाहे इस मुद्दे को उछाल कर जितना सियासी लाभ लेने की कोशिश की हो, पर जब मामला केंद्रीय चुनाव आयोग तक पहुंचा, तो जिसे बंगाल की शेरनी कहा जा रहा है. उनकी पूरी टीम मैदान छोड़कर पीछे भागती दिख रही है. सवाल है हकीकत सामने आने पर क्या ममता की टीएमसी को इसका सियासी खामियाजा नहीं उठाना पड़ेगा?

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