West Bengal Chunav: तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व BJP नेता यशवंत सिन्हा

भाजपा के दिग्गज नेताओं की सूची में शामिल रहे यशवंत सिन्हा ने अब तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 13, 2021, 01:35 PM IST
  • BJP के बागी यशवंत सिन्हा TMC में शामिल हुए
  • NDA सरकार में पूर्व वित्त, विदेश मंत्री रहे हैं
West Bengal Chunav: तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व BJP नेता यशवंत सिन्हा

कोलकाता: यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है. चुनाव से पहले सिन्हा के इस फैसले को भाजपा के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. TMC में आने से पहले बीजेपी के कद्दावर नेता रहे हैं.

टीएमसी दफ्तर में ली सदस्यता

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा TMC में शामिल हुए. कोलकाता में टीएमसी दफ्तर में सदस्यता ली. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वाजपेयी और मोदी की बीजेपी में जमीन आसमान का फर्क है.

यशवंत सिन्हा ने भाजपा को कोसा

टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा कि 'प्रजातंत्र की ताकत प्रजातंत्र की संस्थाएं होती हैं. आज लगभग हर संस्था कमजोर हो गई है, उसमें देश की न्यायपालिका भी शामिल है. हमारे देश के लिए ये सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है.'

उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी. बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा.

टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि 'मैं बहुत अफसोस के साथ कह रहा हूं कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रही है. तोड़-मरोड़ कर चुनाव (8 चरणों में मतदान) कराने का फैसला मोदी-शाह के नियंत्रण में लिया गया है और भाजपा को फायदा पहुंचाने के​ ​ख्याल से लिया गया है.'

यशवंत सिन्हा को जानिए

यशवंत सिन्हा वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रहे है. राजनीति में आने से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहे और चंद्रशेखर सरकार में भी  वित्त मंत्री रहे हैं.

यशवंत सिन्हा 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए और अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम पदों पर रहते हुए 24 साल से अधिक समय तक सेवा दिया. 4 साल तक उन्होंने सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (SDM) और जिला मजिस्ट्रेट (DM) के रूप में सेवा की. बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में उप सचिव रहने के बाद उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के रूप में सेवा दिया.

1984 में यशवंत सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति से जुड़ गए. 1986 में उनको पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया गया और 1988 में उन्हें राज्य सभा का सदस्य चुना गया.

1989 में जनता दल का गठन के बाद उनको पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया. चन्द्र शेखर सरकार के मंत्रिमंडल में नवंबर 1990 से जून 1991 तक उन्होंने वित्त मंत्री का दायित्व संभाला.

जून 1996 में यशवंत सिन्हा BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने. मार्च 1998 में उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. 22 मई 2004 तक वो भारत के विदेश मंत्री रहे. 2004 के चुनाव में यशवंत सिन्हा को हजारीबाग सीट से हार का सामना करना पड़ा. यशवंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं, 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

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