नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग होने में अब महज 12 दिन का समय शेष रह गया है. इसी के साथ दुनियाभर में लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव में मतदाता के 'अधिकार-प्रयोग' की शुरुआत भी हो जाएगी. चुनाव से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विकास के अन्य मुद्दों के साथ इस बात को मजबूती से उठा रही है कि अब अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. बीजेपी नेताओं से इन मंदिर से जुड़े संघर्ष के बारे में भी बढ़ चढ़कर बताया है. 22 जनवरी को रामलला के मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा हुई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर में मौजूद थे.
करीब ढाई महीने पहले हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद राममंदिर को लेकर चर्चा अब थोड़ी कम हुई है. लेकिन चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर देशभर में माहौल राममय हो सकता है. दरअसल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत आगामी 9 अप्रैल यानी मंगलवार के दिन से होने जा रही है. इस साल की रामनवमी 17 अप्रैल 2024 बुधवार के दिन मनाई जाएगी. अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मनाई जा रही राम नवमी बेहद भव्य हो सकती है. राम नवमी के ठीक दो दिन बाद चुनाव की शुरुआत होगी और 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी.
प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के शामिल न होने पर पीएम मोदी ने साधा निशाना
बता दें कि जनवरी में हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने न शामिल होने का फैसला किया था. इसे लेकर बीजेपी लगातार निशाना साधती रही है. कांग्रेस ही नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दल भी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बने थे. एक दिन पहले पीएम मोदी ने इसे लेकर फिर निशाना साधा था. उन्होंने अजमेर की एक चुनावी रैली में उन्होंने अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का कांग्रेस द्वारा निमंत्रण ठुकराने पर भी निशाना साधा. PM ने कहा- 'प्राण प्रतिष्ठा में जाने का विरोध करना, क्या यह शोभा देता है. इतना ही नहीं अगर कोई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में आ गया. उसको कांग्रेस पार्टी वालों ने छह साल के लिए निकाल दिया. क्या प्रभु श्री राम के बिना इस देश की कल्पना कर सकते हैं?
राम मंदिर को 'मोदी की गारंटी' से जोड़ा
रविवार को बिहार की एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री ने कहा-मोदी ने गारंटी दी थी कि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा. जो पांच सौ वर्षों में नहीं हो पाया, जिस राम मंदिर के निर्माण को रोकने के लिए कांग्रेस-RJD ने वर्षों तक कोशिश की वह राम मंदिर बनकर तैयार हो गया. मंदिर का निर्माण आम लोगों के पैसों से हुआ है, सरकार के पैसों से नहीं. इनकी क्या दुश्मनी है देश के लोगों, प्रभु राम, अयोध्या और हमारी विरासत से कि राम मंदिर बन जाने पर बोले कि वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे! क्या यह शोभा देता है? जो नेता राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए थे उन्हें अपनी पार्टियों में निष्कासन का सामना करना पड़ा. ये पार्टियां सनातन धर्म के खिलाफ बोलती हैं और दक्षिण भारत को एक अलग देश बनाने की वकालत करती हैं. राम नवमी आ रही है. उनके पापों को मत भूलिएगा.
योगी बोले-राम और कृष्ण को काल्पनिक बताती थी कांग्रेस
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान की एक रैली में कहा है कि राम मंदिर बनवाना तो दूर, कांग्रेस के लोग श्रीराम और श्रीकृष्ण को काल्पनिक बताया करते थे. कांग्रेस के लोग कहते थे कि राम और कृष्ण कभी हुए ही नहीं. ये लोग क्या राम मंदिर बनवा पाते? यह भारत है, जहां राम के बगैर कोई काम नहीं, कृष्ण के बगैर कोई लीला नहीं होती. कांग्रेस नहीं चाहती थी कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की बाधाएं समाप्त हो, क्योंकि कांग्रेस अपने-आप में समस्या है. पीएम मोदी ने समाधान दिया है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है. अब किसी को अयोध्या पर कोई संदेह नही होगा.
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