नई दिल्ली: Guna Lok Sabha Seat: मध्य प्रदेश में गुना लोकसभा सीट चर्चा में हैं. यहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है. इस सीट पर सिंधिया राजघराने का पहले से भी दबदबा रहा है. यहां से ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव और दादी विजया राजे सिंधिया भी सांसद रहे हैं.
कितनी विधानसभा सीटें?
गुना लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं. ये पिछोर, शिवपुरी, कोलारस, अशोक नगर, चंदेरी, मुंगावली, बमोरी और गुना हैं. अशोक नगर और बमोरी कांग्रेस के खाते में है. बाकी 6 पर भाजपा के विधायक हैं.
सिंधिया परिवार का रहा वर्चस्व
गुना लोकसभा सीट पर 1957 से ही सिंधिया राजघराने का प्रभाव रहा है. राजमाता विजय राजे सिंधिया ने इसी साल यहां से पहला चुनाव लड़ा. माधवराव सिंधिया ने 1971 में सबसे पहला चुनाव यहीं से लड़ा. उन्होंने लगातार तीन बार यहां से जीत दर्ज की थी. इसके बाद राजमाता सिंधिया भाजपा की टिकट पर 1989 से लेकर 1998 तक लगातार यहां से सांसद चुनी गईं. 1999 में माधवराव सिंधिया ने यहां वापसी की. वे कांग्रेस से चुनाव जीते.
ज्योतिरादित्य ने भी जीता चुनाव
माधवराव सिंधिया के निधन के बाद 2002 में यहां उपचुनाव हुए. पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां से चुनाव लड़ा. उन्होंने बड़े मार्जिन से चुनाव जीता. इसके बाद वे 2004, 2009 और 2014 में जीतते रहे.
जब हारे ज्योतिरादित्य
हालांकि, 2019 में इस सीट पर सिंधिया परिवार का तिलिस्म टूटा. भाजपा के कृष्णपाल सिंह यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 1.25 लाख वोटों से चुनाव हराया. तब सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे. यहां से कांग्रेस ने इस बार यादवेंद्र सिंह को टिकट दिया है.
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