Congress President: मल्लिकार्जुन खड़गे के सिर 'कांटों भरा ताज', बदलाव लाएंगे या बयार के साथ बह जाएंगे

Congress President: कांग्रेस में 24 साल के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में कमान संभालने जा रहे हैं. अध्यक्ष पद चुनाव में खड़गे को 7,897 वोट मिले, जबकि थरूर को 1072 वोट हासिल हुए हैं. इसके साथ ही 416 वोट अमान्य हुए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 19, 2022, 03:34 PM IST
  • खड़गे के सामने कई चुनौतियां
  • क्या पार्टी में बदलाव लाएंगे खड़गे
Congress President: मल्लिकार्जुन खड़गे के सिर 'कांटों भरा ताज',  बदलाव लाएंगे या बयार के साथ बह जाएंगे

नई दिल्ली: Congress President: कांग्रेस में 24 साल के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में कमान संभालने जा रहे हैं. अध्यक्ष पद चुनाव में खड़गे को 7,897 वोट मिले, जबकि थरूर को 1072 वोट हासिल हुए हैं. इसके साथ ही 416 वोट अमान्य हुए हैं.

खड़गे के सामने कई चुनौतियां
चूंकि अब मल्लिकार्जुन कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं. ऐसे में पार्टी के सिमटते जनाधार को दोबारा हासिल करना, कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकना जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा. खड़गे को एक समय पूरे देश में राज करने वाली पार्टी को नए सिरे से खड़ा करना होगा. आज कांग्रेस महज दो राज्यों में सीमित है. वहां भी उसके लिए हालात कुछ अच्छे नहीं है. गुटबाजी, अंतर्कलह से जूझ रही पार्टी में खड़गे एकजुटता कैसे लाएंगे, यह देखना होगा.

क्या पार्टी में बदलाव लाएंगे खड़गे
बेशक खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में थरूर को हराया. लेकिन, राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि खड़गे के ऊपर गांधी परिवार का हाथ था. ऐसे में कुछ लोग यह भी आशंका जता रहे हैं कि कांग्रेस में परोक्ष रूप से अब भी गांधी परिवार की ही चलेगी. ऐसे में कांग्रेस की व्यवस्था और कार्यप्रणाली में बदलाव की मांग कर रहे नेताओं को मायूसी हाथ लग सकती है. ऐसे में इन नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो सकता है.

खड़गे या गांधी परिवार
खड़गे कांग्रेस को किस तरह आगे बढ़ाते हैं, यह धीरे-धीरे साफ हो जाएगा. लेकिन, क्या उनके कामकाज में गांधी परिवार की परछाई नहीं पड़ेगी? राजनीतिक जानकार इसे लेकर मनमोहन सिंह का उदाहरण देते हैं. साल 2004 से 2014 के बीच पीएम भले ही मनमोहन सिंह थे, लेकिन कहा जाता था कि असल सरकार वह नहीं चला रहे हैं. यही नहीं मनमोहन सरकार के अध्यादेश को राहुल गांधी ने फाड़ दिया था. 

अंतिम समय में फाइनल हुआ था खड़गे का नाम
जहां एक तरफ थरूर पार्टी में युवाओं को आगे लाने और तमाम बदलावों के पक्षधर थे. वह अपनी बेबाकी के लिए भी जाने जाते हैं. ऐसा कुछ खड़गे को लेकर नहीं कहा जा रहा है. राजनीतिक जानकार कहते हैं कि खड़गे का नाम चुनाव के लिए अंतिम समय में फाइनल हुआ. उनका एजेंडा भी स्पष्ट नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि वो कितना बदलाव ला पाते हैं या बयार के साथ ही बह जाते हैं.

सिर्फ 6 बार कांग्रेस में हुए चुनाव
बता दें कि कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अभी तक अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ 6 बार चुनाव हुए हैं. कांग्रेस में 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए थे और अब 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ. 

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