नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद के बीच मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं. हालांकि खबर ये आ रही है कि ये मुलाकात बाढ़ पीड़ित किसानों के मुद्दे पर हुई. लेकिन ऐसी भी खबर है कि दोनों नेताओं ने सरकार बनाने के विकल्पों पर भी चर्चा की है. हालांकि मुलाकात के बाद फडणवीस ने किसी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया.
Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis: I don't want to comment on anything anyone is saying on new Govt formation. All I want to say is that the new Govt will be formed soon, I am confident. pic.twitter.com/t7EWR9IsMf
— ANI (@ANI) November 4, 2019
भाजपा दे सकती है अहम मंत्रालयों की कुर्बानी
ऐसी खबर आ रही है कि शिवसेना को मना कर सरकार का गठन करने के लिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कई फॉर्मूले तैयार किए हैं. जिसपर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से चर्चा करने के लिए वह दिल्ली आ रहे हैं.
ऐसी खबरें है कि भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना के सामने महाराष्ट्र के अहम मलाईदार मंत्रालय देने का प्रस्ताव रखने का मन बनाया है.
देवेन्द्र फडणवीस शिवसेना को राजस्व, वित्त, लोक निर्माण विभाग, कृषि, ग्रामीण विकास और जल संसाधन जैसे अहम मंत्रालय देने का प्रस्ताव रख सकती है. महाराष्ट्र की राजनीति में इन मंत्रालयों की बड़ी अहम भूमिका होती है और इनसे वोटबैंक की राजनीति साधी जाती है.
भारतीय जनता पार्टी इन अहम मंत्रालयों में शिवसेना को अपने मनपससंद मंत्रालयों का चुनाव करने का विकल्प दे सकती है.
सरकार बनाने के लिए कमेटी का गठन करना
इसके अलावा यह भी खबर आ रही है कि भाजपा और शिवसेना मिलकर सरकार का गठन करें और इसके संचालन के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एक कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाई जाए. जो कि दोनों पार्टियों के बीच अहम मंत्रालयों को बांटवारा करे.
इसके अलावा सभी अहम कॉर्पोरेशनों में भाजपा और शिवसेना को आधी आधी सीटें भी मिल सकती हैं.
महाराष्ट्र में सरकार के गठन के लिए भाजपा और शिवसेना के बीच इन्हीं सब विकल्पों पर चर्चा चल रही है. फडणवीस और अमित शाह की बैठक में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा होगी.
अमित शाह ने मामला अपने हाथ में लिया
महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर गतिरोध लगातार जारी है. इसलिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मामला अब अपने हाथों में लिया है जिसके बाद महाराष्ट्र भाजपा और शिवसेना दोनों को ही किसी निर्णय पर पहुंचने की उम्मीदें बंधी हैं.
हालांकि शिवसेना को मालूम है कि इस बार भाजपा बिना उसके समर्थन के सरकार का गठन नहीं कर सकती है. जिसकी वजह से वह इस बार सख्ती से मोलभाव पर उतर आई है. ऐसे में बिना अहम मंत्रालयों की कुर्बानी दिए भाजपा महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं कर सकती है.