नई दिल्ली: बॉलीवुड की दिवंगत अभिनेत्री ललिता पवार (Lalita Pawar) का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था. कम ही लोग जानते हैं कि ललिता का असली नाम अंबिका था. उन्होंने अपने करियर में हर तरह की भूमिकाएं निभाईं और 700 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा बनीं. दर्शकों ने भी ललित पवार के अभिनय को खूब सराहा. उन्होंने बड़े पर्दे के अलावा टीवी पर भी अपने अभिनय की कला दिखाई.
'मंथरा' के किरदार से मिली अलग पहचान
ललिता पवार को आज भी एक गुस्से वाली खडूस सास के किरदारों में ही याद करते हैं. हालांकि, रामानंद सागार की 'रामायण' में निभाए अपने 'मंथरा' के किरदार से वह घर-घर में एक अलग पहचान हासिल कर चुकी थीं. आज भी उनका मंथरा वाला किरदार कई लोगों के जहन में ताजा होगा.
इंडस्ट्री की महंगी और खूबसूरत एक्ट्रेस थीं ललिता
ललिता पवार ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर ही कर ली थी. युवा अवस्था में भी उनके पास फिल्मों की कतार रहती थी. उन्हें भी एंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत और महंगी एक्ट्रेस माना जाता था. हालांकि, फिल्म के सेट पर हुए एक हादसे ने ललिता पवार की जिंदगी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया.
शूटिंग के दौरान मारा था थप्पड़
वर्ष 1942 में ललिता फिल्म 'जंग-ए-आजादी'की शूटिंग कर रही थी. इस फिल्म में एक्टर भगवान दादा को भी अहम किरदार में देखा गया. फिल्म के एक सीन में भगवान दादा को ललिता पवार को एक थप्पड़ मारना था. इस सीन में भगवान दादा ने गलती से इतनी जोर का थप्पड़ ललिता को मार दिया कि वह गिर पड़ीं.
शरीर के आधे हिस्से को मार गया था लकवा
इस थप्पड़ के कारण ललिता के कान से खून बहने लगा. कहा जाता है कि उस समय ललिता जिस डॉक्टर से अपना इलाज करवा रही थीं, उसने अभिनेत्री को गलत दवाई दे दी, जिस कार उनके शरीर के दाहिने हिस्से को लकवा मार गया. बाद में ठीक तो हो गईं, लेकिन उनकी दाहिनी आंख सिकुड़ गई और एक खूबसूरत एक्ट्रेस का चेहरा हमेशा के लिए खराब हो गया.
लंबे वक्त बाद हुई थी दमदार वापसी
जिंदगी का ये बड़ा झटका भी ललिता के अभिनय के जुनून को तोड़ नहीं पाया. उन्हें फिल्मों में काम तक मिलना बंद हो गया था, लेकिन ललिता ने कुछ समय तक अपनी स्थित में सुधार किया और 1984 में दोबारा पर्दे पर वापसी की.
बहन ने तोड़ दिया था घर
ललिता की शादीशुदा जिदंगी की बात करें तो उन्होंने 2 शादियां की थी. उनकी पहली शादी गणपत राव पवार से हुई थी, लेकिन जल्द ही इस रिश्ते का अंत भी हो गया. कहते हैं कि ललिता के पति का उन्हीं की छोटी से अफेयर से था, जैसे ही अभिनेत्री को इस बात की खबर लगी उन्होंने अलग होने का फैसला कर लिया.
इसके बार ललिता ने निर्माता-निर्देशक राजप्रकाश गुप्ता से शादी की. दूसरी शादी के बाद भी ललिता ने अपने पहले पति का सरनेम 'पवार' कभी नहीं हटाया.
कैंसर से जूझ रही थीं ललिता
अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में ललिता पवार अपने घर में बिल्कुल अकेली थीं. कहते हैं कि ललिता को जबडे़ का कैंसर हो गया था. जिस समय ललिता की मौत हुई तब उनके पति राजप्रकाश अस्पताल में भर्ती थे, जबकि बेटा मुंबई में ही अलग घर में रहता था. ललिता की मौत के बारे में उनके परिवार को तब पता चला जब अभिनेत्री के बेटे ने उन्हें कई फोन कॉल्स किए और उन्हें किसी ने फोन नहीं उठाया.
3 दिन बाद मिली मौत की खबर
पुलिस ने ललिता के घर का दरवाजा तोड़कर उनके शव को बाहर निकाला. उस समय उन्हें मरे हुए 3 दिन बीत चुके थे. ललिता ने 24 फरवरी 1998 को हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
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