कोलकाता रेप-मर्डर केस, अधीर ने साधा निशाना, कहा-पुलिस ने पीड़ित के माता-पिता को नजरबंद किया

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा-मैंने चिकित्सक के परिवार के घर जाकर उनसे काफी देर तक बात की. पुलिस ने परिवार को घर में नजरबंद कर रखा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 31, 2024, 10:29 PM IST
  • अधीर ने साधा निशाना.
  • पुलिस पर लगाए आरोप.
कोलकाता रेप-मर्डर केस, अधीर ने साधा निशाना, कहा-पुलिस ने पीड़ित के माता-पिता को नजरबंद किया

कोलकाता. कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में ममता सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को पुलिस पर महिला चिकित्सक के माता-पिता को 'नजरबंद' रखने का आरोप लगाया है. चिकित्सक के घर पहुंचकर उसके माता-पिता से बात करने वाले चौधरी ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस ने शव का शीघ्र अंतिम संस्कार करने के लिए पिता को पैसे की पेशकश की थी.

क्या बोले अधीर रंजन
अधीर रंजन ने कहा-मैंने चिकित्सक के परिवार के घर जाकर उनसे काफी देर तक बात की. पुलिस ने परिवार को घर में नजरबंद कर रखा है. वह तरह-तरह के बहाने बनाकर उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दे रही. उनके चारों ओर मोर्चाबंदी कर दी गई है, सीआईएसएफ को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. कोलकाता पुलिस ने राज्य सरकार के निर्देश का पालन करके (पीड़िता के) पिता को पैसे की पेशकश करते हुए कहा था कि उनकी बेटी के शव का बिना किसी देरी के अंतिम संस्कार किया जाए.

9 अगस्त की घटना
बता दें कि 9 अगस्त को कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक का शव मिला था. उसके लिए न्याय और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों पर मजबूत सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर उस दिन से हड़ताल पर हैं.

दिल्ली में डॉक्टरों का प्रदर्शन
इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के डॉक्टर शनिवार को जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और कहा कि महिला स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून के बिना महिला चिकित्सक कार्यस्थल पर कभी सुरक्षित महसूस नहीं कर सकेंगी. डॉक्टरों के संगठनों ने बताया कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़ित प्रशिक्षु चिकित्सक को न्याय दिलाने और केंद्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा अधिनियम के क्रियान्वयन में तेजी लाने की मांग को लेकर अपराह्न तीन बजे से जंतर-मंतर पर इकट्ठा होने शुरू हुए. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) के अध्यक्ष रोहन कृष्णन ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के कारण (कुछ दिन पहले) विरोध वापस ले लिया था. उन्होंने कहा, "...एक गिरफ्तारी के बावजूद मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है. इसलिए हम अपना मौन विरोध जारी रखना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हमारी महिला डॉक्टर और नर्स काम करते समय सुरक्षित महसूस करें और (उन्हें) न्याय मिले. 

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