नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इस खबर को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है और ये खबर पूरी तरह से निराधार है.
दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बाद से उनके इस्तीफे की अटकलें लगायी जा रही थीं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कमलनाथ ने पार्टी अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. वो 2018 में विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले पीसीसी चीफ बनाए गए थे. उनके नेतृत्व में पार्टी ने 15 साल बाद विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.
बीजेपी ने बनाई सरकार
बीजेपी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है, जबकि तेलंगाना में कांग्रेस को जीत हासिल हुई. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद रविवार को मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा था कि हम मतदाताओं के जनादेश को स्वीकार करते हैं. हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे. साथ ही कमलनाथ ने भाजपा को बड़ी जीत के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि भाजपा राज्य की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करेगी.
कांग्रेस 66 सीटों पर सिमटी
एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने 163 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. इसके बाद कमलनाथ ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. लेकिन पार्टी के भीतर बगावत के कारण 15 महीने में ही उनकी सरकार गिर गई थी.
इससे पहले कमलनाथ ने मंगलवार को दिन में भोपाल स्थित मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों और पदाधिकारियों के साथ चुनाव नतीजों पर समीक्षा बैठक की.
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