अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की फैकल्टी-स्टाफ पर बरपा कोरोना का कहर, 40 से अधिक गंवा चुके हैं जान

कोरोना की दूसरी लहर का कहर पूरे देश में इस कदर बरपा है कि हर तरफ हाहाकार मची है. हर दिन किसी न किसी करीबी या पहचान के शख्स की मौत की खबर पाने के बाद लोग सहमे हुए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 9, 2021, 06:55 AM IST
  • यूनिवर्सिटी के लिए यह बहुत खराब दौर है: प्रोफेसर महताब आलम
  • शिक्षकों के लगातार हो रहे निधन से विश्वविद्यालय समुदाय स्तब्ध है
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की फैकल्टी-स्टाफ पर बरपा कोरोना का कहर, 40 से अधिक गंवा चुके हैं जान

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर का कहर पूरे देश में इस कदर बरपा है कि हर तरफ हाहाकार मची है. हर दिन किसी न किसी करीबी या पहचान के शख्स की मौत की खबर पाने के बाद लोग सहमे हुए हैं. लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की फैकल्टी और स्टाफ के ऊपर कोरोना काल बनकर मंडरा रहा है.

6 मई तक के आंकड़े देखें तो प्रोफेसर और स्टाफ को मिलाकर तकरीबन 40 से ज्यादा लोग इस जानलेवा वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं.

इतनी बड़ी संख्या में नहीं गई प्रोफेसरों की जान
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सौ साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में इससे जुड़े शिक्षकों की जान गई है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब तक 15 से अधिक मौजूदा प्रोफेसरों की मौत हो चुकी है. इनमें सेवानिवृत्त प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी शामिल नहीं हैं। ऐसे लोगों की संख्या को जोड़कर देखा जाए तो मरने वालों की संख्या 40 से अधिक बताई जा रही है.

कोरोना के इस कोहराम से एएमयू इंतजामिया भी चिंतित है.

एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव व ईसी मेंबर प्रो. आफताब आलम ने कोरोना के कारण दुनिया छोड़ चुके इन शिक्षकों की सूची तैयार की है. इनमें पूर्व प्रॉक्टर प्रो. जमशेद सिद्ददीकी, सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसान उल्लाह फहद, उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बख्श अंसारी, पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. मोहम्मद अली खान, राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. काजी, मोहम्‍मद जमशेद, मोलीजात विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. यूनुस सिद्ददीकी, इलमुल अदविया विभाग के चेयरमैन गुफराम अहमद का शामिल हैं.

इनके अलावा मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. साजिद अली खान, म्यूजियोलोजी विभाग के चेयरमैन डॉ. मोहम्मद इरफान, सेंटर फोर वीमेंस स्टडीज के डॉ. अजीज फैसल, यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक के मोहम्मद सैयदुज्जमान, इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिबरैल, संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ और अंग्रेजी विभाग के डॉ. मोहम्मद यूसुफ अंसारी भी कोरोना संक्रमण की वजह से इस दुनिया से रुखसत हो चुके हैं.

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कई लोगों का अभी भी चल रहा है इलाज
प्रो. आफताब आलम ने इन सिलसिलेवार मौतों के बारे में कहा, यूनिवर्सिटी के लिए यह बहुत खराब दौर है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की इतनी तादात में मौत हुई हो. वर्तमान में जेएन मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में एएमयू से जुड़े लोगों का इलाज चल रहा है.

इनमें ओएसडी प्रो. अफसर अली, प्रो. शोएब जहीर, प्रो. शादाब अहमद खान, प्रो. जाहिद, प्रो.अबू कमर, प्रो. एहतिशाम भी शामिल हैं. इनके अलावा कई लोगों का घर पर इलाज चल रहा है, कुछ निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.


 
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय के डीन प्रोफेसर शकील अहमद समदानी का शनिवार को कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया. वह पिछले कई दिनों से जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन थे. उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी.

एक दिन पहले शुक्रवार को लॉ फैकल्टी के पूर्व डीन और कार्यवाहक कुलपति रहे प्रोफेसर शब्बीर अहमद का निधन हुआ था. साथ ही एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन फैकल्टी के चेयरमैन प्रोफेसर शादाब खान की भी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मौत हो गई थी. शिक्षकों के लगातार हो रहे निधन से विश्वविद्यालय समुदाय स्तब्ध है.

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